Home नालंदा बिना वैकल्पिक व्यवस्था ठीक नहीं है हिलसा प्रशासन का यह रवैया

बिना वैकल्पिक व्यवस्था ठीक नहीं है हिलसा प्रशासन का यह रवैया

नालंदा दर्पण डेस्क। इन दिनों हिलसा नगर परिषद एवं अनुमंडल प्रशासन की ओर से सड़क के किनारे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान दर्जनों दुकानदारों से 45 हजार रुपए जुर्माना वसूले गए हैं, जबकि सड़क के किनारे दर्जनों दुकानों द्वारा रखे गए सामानों को जब्त किया गया है।

खबरों के अनुसार बीते दिन इस अभियान में हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी प्रवीण कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुमित कुमार, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी रविशंकर प्रसाद के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी, नगर परिषद के कर्मी एवं पुलिसकर्मी शामिल थे।

बताया जाता है कि शहर की मुख्य सड़क के किनारे दुकानदारों द्वारा बिक्री किए जाने वाले सामानों को रखकर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है। इसी प्रकार शहर में फुटपाथ एवं ठेला पर भी दुकानदारी किया जा रहा है। इससे आवागमन की भारी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इससे मुख्य सड़क पर हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है। सड़क के किनारे पैदल चलने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इसे लेकर नगर परिषद की ओर से पिछले महीने माइक से प्रचार कर सड़क के किनारे से सामानों को हटा लेने की चेतावनी दी गई थी। आलावे एक अभियान चला कर नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भी दिया गया था। कई लोगों से जुर्माना भी वसूला गया था। इसके बावजूद सड़क के किनारे अतिक्रमण की समस्या लगातार बनी हुई थी।

इसी बीच बीते शनिवार को प्रशासन की ओर से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है। इस अभियान से सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदारों ने इसे प्रशासन की दमनकारी नीति बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है।

उनका कहना है कि फुटपाथ एवं ठेला के माध्यम से दुकान चलाने वाले लोग अत्यंत गरीब हैं। नगर परिषद या अनुमंडल प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए बलपूर्वक हटाना मानवीय दृष्टिकोण से उचित नहीं है।

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