“पूरे बिहार में पेपर लीक कांड ने परीक्षा प्रक्रिया और शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा और संगठित गिरोहों की भूमिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन और कानून व्यवस्था को और सख्ती बरतने की जरूरत है…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा (टीआरई-3) में हुए पेपर लीक कांड (TRE-3 Paper Leak) ने शिक्षा जगत में हड़कंप मचा दिया था। इस मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने अब तक 285 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है। अब इओयू ने करीब 300 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
बता दें कि बीपीएससी की टीआरई-3 परीक्षा से ठीक एक दिन पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था। यह पेपर झारखंड के हजारीबाग में स्थित एक होटल में 300 से अधिक परीक्षार्थियों को रटवाया जा रहा था। इसमें न केवल परीक्षार्थी बल्कि उनके अभिभावक और संगठित पेपर लीक गिरोह के सदस्य भी शामिल थे। हजारीबाग से गिरफ्तार किए गए 150 अभियुक्तों के खिलाफ विशेष टीम जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
वहीं, बीपीएससी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा और केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक और फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। इन मामलों में भी पूरक चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की ऑनलाइन परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसमें अब तक 36 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लन के अनुसार टीआरई-3 मामले में चौथी पूरक चार्जशीट के माध्यम से 150 अभियुक्तों पर भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। इस मामले में अब तक 25 अभियुक्तों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं। जबकि बाकी के खिलाफ अनुसंधान जारी है।
फिलहाल बिहार में पेपर लीक कांड ने परीक्षा प्रक्रिया और शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा और संगठित गिरोहों की भूमिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन और कानून व्यवस्था को और सख्ती बरतने की जरूरत है।
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