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    Tuesday, September 17, 2024
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      महिला दिवसः अनीता ने अपनी लगन से चंडी के अनतपुर को बनाया ‘मशरुम गाँव’

      बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से 23 किमी दूर स्थित चंडी प्रखंड के अनंतपुर गांव की रहने वाली अनीता देवी। इनकी सफलता की कहानी सभी लोगों की जुबां पर हैं।

      मशरूम की खेती को नई उड़ान दी तो लोग इन्हें ‘मशरूम लेडी की उपाधि से नवाज दी गई। खेती से जुड़कर अपने परिवार की दशा बदलीं। अन्य महिलाओं के लिए तरक्की का नया मार्ग भी प्रशस्त किया।

      यह कहना गलत नहीं होगा कि मेहनत के बूते अनिता अपने गांव अनंतपुर की पहचान ‘मशरूम गांव’ के रूप में दिला दी है। मशरूम की खेती में मिली सफलता से उत्साहित अनीता ने अपने घर में मशरूम के बीज के उत्पादन के लिए मशरूम सीड लैब की स्थापना की है।

      आज उनके द्वारा उत्पादित मशरूम और उनके बीज सिर्फ़ नालंदा के अलावा नवादा, शेखपुरा के अलावा व अन्य प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सों से डिमांड पर बेचे जाते हैं।

      अभी 50 किलो हर दिन मशरूम का उत्पादन करती हैं। लैब की क्षमता रोज 100 केजी बीज तैयार करने का है।

      अनीता बताती हैं कि वह गृहविज्ञान में बीए की हैं, पहले गांव की अन्य महिलाओं की तरह वह भी घर का चूल्हा-चौका संभालने में जुटी रहती थीं। पति संजय कुमार बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए काफी प्रयास की लेकिन सफलता नहीं मिली।

      थक-हारकर खेती करने लगी। खेती-बाड़ी से परिवार का किसी तरह गुजारा हो पाता था। काफी-सोच विचार के बाद वह हरनौत कृषि विज्ञान केन्द्र पहुंची।

      वहां के कृषि वैज्ञानिक ने अनीता को मशरूम की खेती करने की सलाह दी। रांची के कृषि विश्वविद्यालय में मशरूम की खेती का प्रशिक्षण ली। उसके बाद खेती में जुटी और सफलता की कहानी गढ़ डालीं।

      साल 2010 में अनीता मशरूम की खेती से जुड़ी थीं। आज इनकी अगुआई में अनंतपुर और उसके आसपास के गांवों की हजारों महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बदल रही हैं।

      इनके प्रेरित होकर जिले की करीब 8 हजार महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़ी हुई है। इसके लिए ‘स्वयं सहायता समूह का गठन भी किया है।

      मशरूम की खेती में अनीता के योगदान के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने उन्हें 2012 में नवाचार कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया था।

      वर्ष 2015 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिसद, नई दिल्ली ने उन्हें जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार से सम्मानित किया।

      पिछले साल 27 फरवरी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा इनोवेशन फॉर्मर अवार्ड भी इन्हें दिया गया है।

      इसके अलावा भी इनकी झोली में कई पुरस्कार मिले हैं। महिला दिवस पर रोटरी क्लब द्वारा इन्हें सम्मानित किया जाएगा।

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