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    Thursday, May 16, 2024
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      लहेरी थाना पुलिस की गुंडई, 3 दिनों से युवक की हाजत में निर्मम पिटाई जारी

      यहां की प्रायः थाना की पुलिस कायदे-कानून सब ताक पर रखकर काम करती है। वह हर समय अपनी नाकामियों को छुपाने की हरसंभव उपाय में जुट जाती है।  उतर आई है।

      नालंदा दर्पण। ताजा मामला बिहार शरीफ लहेरी थाना से जुड़ा है। वहां के थानाध्यक्ष के द्वारा दो युवक को पिछले तीन दिनों से एक कथित छिनतई के मामले में हाजत में बंद कर बुरी तरह से टॉर्चर करने में जुटी है।

      कहा जाता है कि गिरियक के एक दुकान में वारसलीगंज थाना के समीर नामक एक युवक काम करता आ रहा है। दुकान मालिक ने उसे 83 हजार रुपए बिहार शरीफ बैंक में जमा करने के लिए दिए थे।2 12

      उसके बाद बैंक बंद हो जाने के कारण अगले दिन पैसा जमा करने की मंशा से अपने गांव के परिचित दोस्त रजनीश पिता दिनेश प्रसाद के डेरा पर रुक गया। रजनीश गांव से बिहारशरीफ आकर एक किराए के कमरे में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता है।

      कहा जाता है कि समीर के पैसा जमा करने बैंक जाने के समय रास्ते में उससे छिनतई हो गई। इसके बाद दुकान मालिक ने लहेरी थाना में मामले एक शिकायत दर्ज करवाई और आशंका व्यक्त की कि रजनीश ने ही छिनतई करवाया है।

      इधर शिकायत मिलते ही लहेरी थाना पुलिस ने समीर के साथ रजनीश को 27 मई की सुबह करीब 10 बजे दबोच लिया और हाजत में बंद कर दिया।

      रजनीश की परिजनों की माने तो पुलिस ने पिछले तीन दिनों के भीतर रजनीश की इतनी बुरी तरह से पिटाई कर रही है कि वह चलने-फिरने से लाचार हो गया है। रजनीश का मानसिक ईलाज चल रहा है और डॉक्टर ने उसके ब्रेन का ऑपरेशन शीघ्र करवाने को कहा है।

      रजनीश के पिता-भाई का यह भी कहना है कि पुलिस द्वारा उसे न तो मामले की सही जानकारी दी जा रही है और न ही अपने पुत्र से अभी तक मिलने ही दिया जा रहा है। पुलिस बार-बार उसकी निर्मम पिटाई कर रही है और उसे सदर डीएसपी के यहां पुछताछ के लिए ले जाती रही है।

      उन्होंने यह भी बताया कि दुकान मालिक का डीएसपी के एक बॉडीगार्ड से अच्छा संबंध है और लहेरी पुलिस उसी के कहने पर काम कर रही है। अगर रजनीश दोषी है तो उसे न्यायालय में भी हाजिर नहीं कराया गया है। पुलिस उसकी हाजत में हत्या करने पर उतारु हो गई है।

      इस मामले को लेकर लहेरी थानाध्यक्ष और सदर डीएसपी का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका।

      बहरहाल, यह एक संगीन मामला है। वरीय पुलिस अफसरों को इस मामले पर कड़ी संज्ञान लेनी चाहिए कि बिना ठोस अनुसंधान के एक छात्र युवक को पिछले तीन दिनों से निर्मम पिटाई करने और न्यायालय में हाजिर न करने के पिछे कहीं कोई कहानी गढ़ने की मंशा तो नहीं है?

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