“शिक्षक समाज सुधार और चरित्र निर्माण का माध्यम माने जाते हैं। ऐसे में सुरेश सहनी जैसे शिक्षक का यह कृत्य आत्मचिंतन को मजबूर करता है। सवाल है कि क्या बिहार शिक्षा विभाग की कार्रवाई इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त होगी या मिड-डे मील जैसी योजनाओं की गहराई से जांच की जरूरत है…?
नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के हाजीपुर जिला अंतर्गत लालगंज प्रखंड में स्थित मिडिल स्कूल रीखर के हेडमास्टर सुरेश सहनी, जिन्हें उनके सहकर्मी और छात्र सम्मानपूर्वक ‘रूपनंदन सर’ कहते थे। वे अब ‘अंडा चोर शिक्षक’ के नाम से चर्चित हो गए हैं।
शिक्षा विभाग ने उन्हें बच्चों के मिड-डे मील के अंडे चोरी करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। वे 40 दिन बाद रिटायर होने वाले थे। अब उनकी बर्खास्तगी की तैयारी शुरु कर दी गई है।
बता दें कि यह घटना तब प्रकाश में आई, जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में सुरेश सहनी को स्कूल के मिड-डे मील (MDM) में आए अंडों को अपने बैग में रखते हुए देखा गया।
आरोप है कि वह ये अंडे स्कूल से घर ले जा रहे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने कड़ा कदम उठाया और हेडमास्टर को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया।
चौंकाने वाली बात यह है कि सुरेश सहनी अपनी सेवा के आखिरी चरण में थे। वे मात्र 40 दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन उनके इस कृत्य ने न केवल उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया, बल्कि उनकी सेवानिवृत्ति लाभ पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया। अब शिक्षा विभाग उनकी वर्खास्तगी की प्रक्रिया में जुट गया है।
इस घटना के बाद से शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिड-डे मील योजना की पारदर्शिता और निगरानी को लेकर सख्त कदम उठाने की बात कही है। क्योंकि यह घटना केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में लापरवाही की ओर भी इशारा करती है।
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