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    Thursday, December 12, 2024
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      Bihar Sharif Smart City: दिल्ली से भी खराब हुई बिहारशरीफ की आबोहवा

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। इस बार ठंड की शुरुआत के साथ ही बिहारशरीफ शहर (Bihar Sharif Smart City) की आबोहवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 330 तक पहुंच चुका है। यह ‘वेरी पूअर’ श्रेणी में आता है। पिछले एक सप्ताह से बिहारशरीफ की हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यह शहर के निवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

      बिहारशरीफ, जिसे स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहां वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चल रहे निर्माण कार्यों ने शहर की हवा को और अधिक प्रदूषित कर दिया है। सड़कों और गलियों की खुदाई के कारण धूल का स्तर बढ़ गया है। इससे हवा की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ा है।

      वायु गुणवत्ता के खतरे: AQI के अनुसार, 0 से 50 के बीच का स्तर ‘गुड’ श्रेणी में आता है, जबकि 51 से 100 ‘मॉडरेट’, 101 से 200 ‘पूअर’, 201 से 300 ‘अनहेल्दी’, और 301 से 400 ‘सीवियर’ श्रेणी में होता है। 400 से ऊपर का AQI ‘हजार्डस’ माना जाता है। फिलहाल बिहारशरीफ की हवा ‘सीवियर’ श्रेणी में है। यह आम लोगों- विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों के लिए अत्यधिक हानिकारक है।

      शहर के लोग अब इस प्रदूषण के प्रभाव को महसूस करने लगे हैं। सड़कों पर निकलते समय उन्हें श्वास लेने में तकलीफ हो रही है। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि विशेषज्ञों का कहना है कि सिगरेट पीने से जितना नुकसान होता है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान बिहारशरीफ में सांस लेने से हो रहा है।

      नगर निगम प्रशासन की पहल: हालांकि नगर निगम प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास शुरू किए हैं। नगर निगम ने वाटर स्प्रिंकलर मशीनों का उपयोग करते हुए सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू किया है। ताकि हवा में मौजूद धूल और अन्य प्रदूषक तत्व नीचे बैठ जाएं और हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

      प्रशासन की ओर से यह एक सकारात्मक कदम है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह प्रयास शहर को दीर्घकालिक समाधान प्रदान कर पाएगा। बिहारशरीफ में प्रदूषण का प्रमुख कारण निर्माण कार्यों के दौरान उठने वाली धूल और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। ऐसे में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दीर्घकालिक और व्यापक योजना की आवश्यकता है। ताकि शहर के लोगों को स्वच्छ हवा मिल सके और वे स्वस्थ जीवन जी सकें।

      बहरहाल, बिहारशरीफ की आबोहवा की स्थिति चिंताजनक है और इसे सुधारने के लिए तात्कालिक एवं दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है। नगर निगम की पहल सराहनीय है, लेकिन इसे प्रभावी रूप से लागू करना और स्थायी समाधान ढूंढना आवश्यक है ताकि शहर को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।

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