“सैंड आर्टिस्ट इस कलाकृति को देखकर न केवल पवनदीप और अरुणिता, बल्कि राजगीर महोत्सव में उपस्थित सभी दर्शक चकित रह गए। मधुरेंद्र ने महोत्सव स्थल पर ही कार्यक्रम के दौरान यह विशेष कलाकृति दोनों सिंगर्स को सप्रेम भेंट की…
राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार की गौरवशाली नगरी राजगीर के स्टेट मैदान परिसर में आयोजित तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव के तीसरे दिन एक बार फिर देश के चर्चित अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने अपनी अनोखी कला से सबका दिल जीत लिया। खासकर इंडियन आइडियल विजेता पवनदीप राजन और अरुणिता कांजीलाल के लिए यह एक अविस्मरणीय पल बन गया।
राजगीर महोत्सव के अंतिम दिन की प्रस्तुति के लिए राजगीर पहुंचे कोलकाता की अरुणिता कांजीलाल और उत्तराखंड के पवनदीप राजन को जब मधुरेंद्र की अनोखी कलाकृति दिखाई गई तो वे अभिभूत हो गए। उन्होंने कहा कि यह वाकई अद्भुत और अविश्वसनीय कलाकारी है।
मधुरेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि यह उनकी पहली बार बिहार के राजगीर आने की खुशी का प्रतीक है। उन्होंने पवनदीप और अरुणिता के लिए 3 सेंटीमीटर के दुनिया के सबसे छोटे पीपल के हरे पत्ते पर उनकी तस्वीर उकेरी। इसे बनाने में उन्हें दो दिन और काफी मेहनत लगी।
इस कलाकृति को देखकर न केवल पवनदीप और अरुणिता, बल्कि राजगीर महोत्सव में उपस्थित सभी दर्शक चकित रह गए। मधुरेंद्र ने महोत्सव स्थल पर ही कार्यक्रम के दौरान यह विशेष कलाकृति दोनों सिंगर्स को सप्रेम भेंट की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुणिता और पवनदीप ने मधुरेंद्र का दिल से धन्यवाद किया।
बता दें कि राजगीर महोत्सव हर साल अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और विशेष आयोजनों के लिए चर्चित रहता है। लेकिन इस बार मधुरेंद्र की सैंड आर्ट ने महोत्सव को एक नई पहचान दी है। महोत्सव में उपस्थित दर्शकों ने मधुरेंद्र के इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसे कला का एक जीवंत उदाहरण बताया।
वहीं राजगीर महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन पवनदीप और अरुणिता ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी गायकी और मधुरेंद्र की अनूठी कला के मेल ने इस महोत्सव को यादगार बना दिया।
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