अन्य
    Thursday, October 17, 2024
    अन्य

      एक करोड़ की राधा-कृष्ण की अष्टधातु मूर्ति समेत 3 तस्कर धराए

      “हालांकि पुलिस  यह पता लगाने में विफल रही है कि दोनों मूर्ति कहां से चुरायी गयी हैं। वहीं आशंका है कि मूर्तियां सहोखर ठाकुरबाड़ी की हो सकती हैं। वर्ष 2017 में ठाकुरबाड़ी के पुजारी की हत्या कर दी गयी थी। उसके बाद से इसे देखने वाला कोई नहीं है। फिलहाल यह जीर्ण-शीर्ण हालत में है। पुलिस तस्कर को लेकर ठाकुरबाड़ी भी गयी थी। जहां से मूर्ति गायब मिली…

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पुलिस ने बेचने के लिए रखी गयी कीमती दो मूर्तियां बरामद की गयी हैं। पुलिस अष्टधातु की बनीं इन मूर्तियों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपये कीमत बता रही है। इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को भी दबोचा है।

      पुलिस को यह सफलता सोहसराय थाना क्षेत्र के श्रृंगार हाट मोहल्ला स्थित एक घर में छापेमारी के दौरान मिली। दोनों मूर्तियां अलमारी में बने तहखाने में छुपाकर रखी गयी थीं।

      पुलिस के अनुसार मूर्ति के साथ सहोखर मोहल्ला निवासी विकास कुमार, दीपनगर थाना क्षेत्र के देवीसराय मोहल्ला निवासी नागो पासवान व जमुई जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र स्थित मिर्जागंज गांव निवासी रामविलास कुमार को पकड़ा गया है। लेकिन पुलिस उनसे पूछताछ के दौरान यह जानने में विफल रही है कि दोनों मूर्ति कहां से चुरायी गयी हैं।

      डीएसपी के अनुसार सहोखर निवासी विकास का ननिहाल श्रृंगार हाट मोहल्ले में है। उसने मूर्तियां वहां छुपाकर रख दी थी और बेचने के फिराक में था। उसे बेचने के लिए बातचीत होने वाली थी कि इस बात की सूचना पुलिस को मिल गयी।

      कहा जाता है कि घर में रखी अलमारी की दीवार में एक तहखाना बना था। मूर्तियों को उसी में छिपाकर रखा गया था। पुलिस को मूर्तियां बरामद करने के लिए दीवार तोड़नी पड़ी। अलग से एक बांसुरी थी, जो कृष्ण की मूर्ति के साथ फिट हो जा रही है।

      पुलिस को शक है कि नालंदा के अलावा गिरोह के तार जमुई से जुड़े हैं। रात को अगर छापेमारी में देर होती तो मूर्ति के साथ तस्कर भी पकड़ से निकल सकते थे।

      गिरफ्तार विकास ने एक बार पूछताछ में बताया कि सहोखर ठाकुरबाड़ी में मूर्ति स्थापित थी। देखभाल करने वाला कोई नहीं था। इसलिए जन्माष्टमी के बाद उनके पिता ने घर में लाकर रखा था। नक्सलियों के डर से उसने छुपाकर रख दिया था।

      वहीं उसकी पत्नी का कहना है कि दोनों मूर्तियां गली में फेंकी हुई मिली थीं। उन्हें उठाकर घर ले आये। लेकिन, संदेह की बात है कि मूर्ति का दीवार में छिपाया जाना।

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      विश्व को मित्रता का संदेश देता वैशाली का यह विश्व शांति स्तूप राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ राजगीर वेणुवन की झुरमुट में मुस्कुराते भगवान बुद्ध राजगीर बिंबिसार जेल, जहां से रखी गई मगध पाटलिपुत्र की नींव