नालंदापर्यटनराजगीर

जानें राजगीर विश्व शांति स्तूप से जुड़े रोचक किस्से और कहानियां

“राजगीर विश्व शांति स्तूप बिहार के राजगीर नगर में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह स्तूप 1969 में जापान के निप्पोजो म्योहो जी बौद्ध संघ द्वारा विश्व शांति और सामंजस्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया था। स्तूप की भव्यता, शांति और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां बुद्ध की चार मूर्तियाँ और खूबसूरत बगीचे हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। यह स्थल बौद्ध अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है और सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करता है…

नालंदा दर्पण डेस्क / मुकेश भारतीय। विश्व प्रसिद्ध राजगीर विश्व शांति स्तूप से जुड़ी अनेक रोचक और प्रेरणादायक कहानियों का संग्रह है, जो इस पवित्र स्थल को और भी विशेष बनाता है। यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु न केवल इसकी स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व से प्रभावित होते हैं, बल्कि इन कहानियों के माध्यम से स्तूप के इतिहास और महत्ता को और भी गहराई से समझते हैं।

एक प्रमुख कहानी में बताया जाता है कि जब स्तूप का निर्माण चल रहा था, तब स्थानीय लोगों ने इसमें सहयोग और समर्थन की भावना से बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यह घटना उस समय की है जब जापान के बौद्ध भिक्षु फुजि गुरुजी इस स्तूप के निर्माण के लिए भारत आए थे। स्थानीय लोगों ने न केवल अपनी मेहनत और संसाधन दिए, बल्कि निर्माण कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी।

एक अन्य कहानी में यह कहा जाता है कि महात्मा गांधी ने अपने जीवनकाल में इस स्थल का दौरा किया था और यहाँ शांति और अहिंसा का संदेश दिया था। यह यात्रा न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अहिंसा और शांति के महत्व को प्रमोट करने के लिए महत्वपूर्ण थी।

स्थानीय मिथकों के अनुसार राजगीर विश्व शांति स्तूप के निर्माण स्थल पर भगवान बुद्ध ने भी ध्यान साधना की थी। यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है और यहां पर ध्यान और साधना करने वाले अनगिनत भिक्षु और साधक आते हैं।

प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की बात करें तो दलाई लामा ने भी इस स्तूप का दौरा किया था और यहां पर ध्यान और प्रार्थना की थी। उनकी उपस्थिति ने इस स्थल को और भी अधिक महत्व दिया और वैश्विक शांति के संदेश को मजबूत किया।

वेशक, राजगीर विश्व शांति स्तूप की ये कहानियां हमें इस स्थल के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझने में मदद करती हैं। ये कहानियां न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि हमें शांति और सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करती हैं।

नालंदा पुरातत्व संग्रहालय: जहां देखें जाते हैं दुनिया के सबसे अधिक पुरावशेष

राजगीर अंचल कार्यालय में कमाई का जरिया बना परिमार्जन, जान बूझकर होता है छेड़छाड़

राजगीर में बनेगा आधुनिक तकनीक से लैस भव्य संग्रहालय

कहीं पेयजल की बूंद नसीब नहीं तो कहीं नाली और सड़क पर बह रही गंगा

1.65 करोड़ खर्च से बजबजाती नाली बना राजगीर सरस्वती नदी कुंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!
शांति और ध्यान का अद्भुत अनुभव बोधगया वैशाली का विश्व शांति स्तूप विक्रमशिला विश्वविद्यालय के बहुरेंगे दिन राजगीर सोन भंडारः दुनिया का सबसे रहस्यमय गुफा