बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। रहुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति को उजागर करता है। यहां एक महिला मरीज को अपनी गोद में लेकर हाथ में स्लाइन की बोतल थामे अस्पताल से बाहर जाते देखा गया। सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की यह तस्वीर न केवल स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही को दर्शाता है। बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की ओर भी इशारा करता है।
मरीज की रिश्तेदार बेबी देवी के अनुसार मरीज काजल कुमारी रहुई प्रखण्ड की उत्तरनावां गांव की रहने वाली है। वह डायरिया से पीड़ित थी। उनका इलाज सीएचसी रहुई में चल रहा था। जब मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ तो स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें सदर अस्पताल बिहारशरीफ रेफर कर दिया।
लेकिन यहां चौकाने वाली बात यह है कि रेफर करने के बाद भी मरीज को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं दी गई। परिजनों को मजबूरन मरीज को गोद में उठाकर, स्लाइन की बोतल हाथ में लेकर अस्पताल से बाहर निकलना इस पड़ा। दौरान स्वास्थ्यकर्मी मूक दर्शक बने रहे। मरीज के परिजनों को नहीं रोक पाए।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया। जब मरीज के परिजन सड़क पर वाहन का इंतजार कर रहे थे, तब वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। तब जाकर स्वास्थ्यकर्मियों ने एम्बुलेंस बुलवाई और मरीज को सदर अस्पताल ले जाया गया।
इस संबंध में सीएचसी रहुई के डॉ. दयानंद कुमार का कहना है कि मरीज बहुत कमजोर थी। इसलिए उसे रेफर किया गया था। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर अस्पताल की ओर से ऐसे मरीज के लिए भी एम्बुलेंस की व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
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