नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के सफल संचालन के लिए जीविका संगठन के माध्यम से अनुश्रवण एवं निरीक्षण कराये जाने का आदेश दिया है।
उन्होंने जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को दिए आदेश में लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को गरमा-गरम पोषणयुक्त मध्याहन भोजन दिया जा रहा है।
साथ ही, बच्चों को नियमित एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। इस हेतु शिक्षा विभाग से संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा विद्यालयों का नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है। परिणामस्वरूप मध्याहन भोजन योजना में व्यापक सुधार परिलक्षित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि जीविका जमीनी स्तर से जुड़ा हुआ संगठन है। जीविका संगठन से जुड़े कई परिवारों के बच्चें सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत हैं एवं विद्यालय में मिलने वाले पोषणयुक्त मध्याह्न भोजन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
बकौल अपर मुख्य सचिव, इसीलिए विभाग ने मध्याहन भोजन योजना के संदर्भ में विचारोपरान्त निर्णय लिया है कि विद्यालयों में संचालित मध्याहन भोजन योजना के अनुभवण एवं निरीक्षण को अधिक प्रभावशाली बनाने हेतु जीविका संगठन का भी सहयोग प्राप्त किया जाय।
सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों का अनुश्रवण और निरीक्षण निम्न बिन्दुओं पर किया जाना है:
- क्या विद्यालयों में दिये जाने वाला भोजन साप्ताहिक मेनू के अनुसार है?
- क्या विद्यालयों में दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता ठीक है?
- क्या विद्यालयों में मध्याहन भोजन बनाने हेतु LPG का उपयोग किया जा रहा है?
- क्या विद्यालयों में स्टील थाली सभी बच्चों को उपलब्ध है एवं उसका उपयोग किया जा रहा है? क्या स्टील थाली का गुणवत्ता ठीक है?
- क्या विद्यालयों में रसोई सह-भंडारगृह की साफ-सफाई ठीक है?
- मध्याहन भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खाद्य सामग्री के भण्डारण की स्थिति ठीक है?
- क्या मध्याहन भोजन योजना के साप्ताहिक मेनू में शुक्रवार के दिन दिये जाने वाले अण्डा एवं फल का सुनिश्चित वितरण किया जा रहा है?
उपरोक्त आलोक में अपर मुख्य सचिव ने लिखा है कि यह अपेक्षित होगा कि विद्यालयों में मध्याहन भोजन योजना संचालन में पायी गयी कमी को संबंधित विद्यालय का निरीक्षण एवं अनुश्रवण करने वाली जीविका दीदी द्वारा शिक्षा विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के टॉल फ्री नंबर-14417 के माध्यम से तुरंत शिकायत दर्ज कर दी जाय।
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ये प्रश्न हमेशा उठता है कि मध्यान्ह भोजन गुणवत्तापूर्ण बन रहा है या नहीं परंतु ये प्रश्न कभी नहीं उठता की राशि पर्याप्त है या नही।शिक्षा की राह में यह कैसे बाधक बन रहा है।मेरा शिक्षा विभाग से आग्रह है कि, शिक्षकों का आपने बहुत मानमर्दन कर लिया और आपकी सभी योजनाएं शिक्षकों की समाज में प्रतिष्ठा गिरानेवाली और शिक्षा को गर्त में भेजनेवाली ही साबित हुई है,विभाग में शिक्षकों का सरकारी नीतियों की वजह से शोषण बदस्तूर जारी है,मध्यान्ह भोजन योजना की पूर्ण जिम्मेवारी जीविका दीदियों को दे दी जाए जिससे शिक्षक अपने मुख्य कार्य पर ध्यान दे सकें।
Madhyaan bhojan jeevika didi ke dwara banaya jana chahiye aur parosa jana chahiye….