बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में छात्रों की डिजिटल पहचान के रूप में तैयार किए जा रहे अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) आइडी की प्रक्रिया में धीमी प्रगति के कारण राज्य के 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (डीइओ) पर बड़ी कार्रवाई की गई है। बार-बार निर्देश देने के बावजूद अपार आइडी बनाने में राज्य की औसत प्रगति केवल 5.54 प्रतिशत रही है। जबकि यह काम अब तक पूरा हो जाना चाहिए था।
प्रत्येक जिले में डीइओ को इस काम के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। लेकिन उनकी लापरवाही के कारण यह काम रुकता हुआ प्रतीत हो रहा है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 25 जिलों के डीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया हैं। उन्हें 2 दिसंबर तक इसका जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
किसे जारी हुए नोटिस? राज्य परियोजना निदेशक योगेंद्र सिंह ने जिन 25 जिलों के डीइओ को नोटिस भेजे हैं- उनमें पटना, सारण, बक्सर, गया, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी, सहरसा, जहानाबाद, शिवहर, सीतामढ़ी, भोजपुर, बेगूसराय, जमुई, गोपालगंज, लखीसराय, पश्चिमी चंपारण, अररिया, अरवल, बांका, सिवान, मुजफ्फरपुर और मधेपुरा शामिल हैं।
क्या है अपार आइडी? अपार आइडी छात्रों के लिए एक डिजिटल पहचान के रूप में काम करेगा। यह उनके प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के शैक्षणिक जीवन की सभी जानकारियों को डिजिटल रूप में संग्रहित करेगा। 12 अंकों के इस अपार कार्ड में छात्रों की शैक्षणिक योग्यता, क्रेडिट स्कोर, प्रमाणपत्र और अन्य डेटा दर्ज रहेंगे।
यह आइडी छात्रों की पढ़ाई के सफर की स्थायी जानकारी रखेगा। जिससे शिक्षा से जुड़े सभी आंकड़े एक ही जगह पर सुरक्षित रहेंगे। विभाग का मानना है कि यह आइडी शैक्षणिक प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने में सहायक होगा।
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