नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार पंचायत राज विभाग (Bihar Panchayat Raj Department) ने नालंदा जिले के गांव में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा और युवतियों को सहयोग करने महत्वपूर्ण कदम उठाया हैं। विभाग के द्वारा सभी 249 ग्राम पंचायतों में पंचायत ज्ञान केंद्र खुलेंगे। यह केन्द्र फिजिकल और डिजिटल मोड में होगी।
पंचायती राज विभाग से जारी पत्र में कहा गया है कि पंचायतों में स्थापित होने वाले हर पुस्तकालय या ज्ञान केंद्र में कम से कम दो इंटरनेट युक्त कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर आदि उपलब्ध कराये जायेंगे। ग्राम पंचायतों में खुलने वाली लाइब्रेरी में बच्चों, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले युवा व महिआओं के लिए उपयोगी पाठय सामग्रियां उपलब्ध होंगी, इससे किसी भी पंचायत भवन, सामुदायिक भवन अथवा किसी अन्य भवन में संचालित किया जायेगा।
पुस्तकालय का अधिष्ठापन पंचायत सरकार भवन में किया जाएगा। ऐसे ग्राम पंचायत, जहां पंचायत सरकार भवन का नियमित संचालन करना कचहरी नहीं हैं। वैसे पंचायतों में पंचायत भवन, सामुदायिक भवन अथवा किसी अन्य भवन में किया जाएगा। इसके बाद भी भवन की अनुपलब्धता पर पंचायत अपने गांव में किसी भवन मालिक से एकरारनामा कर भवन के रखरखाव की जिम्मेदारी लेकर एक रुपये के सांकेतिक राशि पर पुस्तकालय का संचालन कर सकते हैं।
पुस्तकालय के लिए 300 वर्गफुट जगह की जरूरत होगी। पंचायत कार्यालय में एक कमरा पुस्तकालय के लिए चिन्हित किया जायेगा। विभाग की चयन समिति द्वारा चयनित किताबों की सूची से आवश्यकता अनुसार खरीद की जाएगी। प्रतिदिन एक हिंदी दैनिक अखबार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। ग्राम कचहरी के सचिव लाइब्रेरी के प्रभारी होंगे।
पुस्तकालय का नियमित संचालन करना कचहरी सचिव की जिम्मेवारी होगी। पुस्तकालय संचालन की अवधि बढ़ने पर सरपंच, पंच, वार्ड सचिव, विकास मित्र, न्याय मित्र, विद्यालय के शिक्षक सहित संविदा कर्मियों की सेवा मुफ्त ली जाएगी। पंचायत स्तरीय लाइब्रेरी में खर्च के लिए प्रत्येक वर्ष पांच हजार रुपये दिये जायेंगे।
हालांकि संबंधित पंचायत निवासियों को पुस्तकालय की सदस्यता निःशुल्क दिये जाएंगे, लेकिन पुस्तक घर ले जाने वाले पुस्तकालय सदस्य को 100 रुपये की प्रतिभूति या सिक्योरिटी मनी जमा करना होगा। सिक्योरिटी मनी जमा करने वाले पुस्तकालय सदस्य को अधिकतम 15 दिनों के लिए तीन किताबें एक बार में अध्ययन के लिए ले जा सकेंगे।
बिहार के प्रसिद्ध लेखकों की होंगी 50% पुस्तकें: पुस्तकालय के लिए विभाग द्वारा अनुशंसित पुस्तकों की प्रारंभिक सांकेतिक सूची जारी की गई है। इसमें 50 प्रतिशत वैसे पुस्तकों का क्रय किया जाएगा, जो बिहार के प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखित हों तथा क्रय के लिए 40 प्रतिशत पुस्तकें देश के अन्य प्रसिद्ध लेखकों की हों।
शेष 10 प्रतिशत अन्य भाषाओं के लेखकों द्वारा लिखित पुस्तकों का क्रय किया जा सकता है। दूसरी सूची में विज्ञान, समाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान एवं प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित पुस्तकों की सूची विभाग द्वारा अनुशंसित कर बाद में उपलब्ध करायी जाएगी।
अभियान चलाकर किताबें दान में ली जायेंगी: पंचायत स्त्रीय पुस्तकालय के लिए उपरकर, उपकरण का क्रय बिहार वित्त नियमावली के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। ऐसे उपस्कर, उपकरण का क्रय नहीं किया जाएगा, जो पूर्व से ही संबंधित ग्राम पंचायत कार्यालय में उपलब्ध है।
ग्राम कचहरी सचिव पुस्तकालय के प्रभारी होंगे। पुस्तकालय में चार प्रशाखाएं यथा डिजिटल लर्निंग प्रशाखा बाल साहित्य एवं साहित्य प्रशाखा, सामाचार पत्र, साहित्य-पत्रिकाएं एवं पुस्तकों सं संबंधित प्रशाखा तथा प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी एवं स्व अध्ययन से संबंधित प्रशाखा होगी।
अधिक से अधिक पुस्तकालय में किताब व साहित्य उपलब्ध कराने के लिए गांव-गांव में पुस्तक दान अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हर किसी से पुरानी पुस्तक-साहित्य का दान मांगा जाएगा।
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