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श्रीनगर में सीआरपीएफ जवान की मौत, बड़ी मशक्कत के बाद स्वजनों ने स्वीकारा शव

परवलपुर (नालंदा दर्पण)। परवलपुर थाना क्षेत्र के ओरबिगहा गांव निवासी दीपू लाल के पुत्र सीआरपीएफ जवान आनंद लाल की मौत बुधवार की सुबह आठ बजे श्रीनगर में हो गई। उन्होंने खुद को गोली मार ली थी।

तिरंगे में लिपटा शव गुरुवार की सुबह पैतृक गांव लाया गया। शव आते ही गांव व स्वजनों के बीच कोहराम मच गया। इस दौरान हंगामा खड़ा हो गया। स्वजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया।

परिजनों ने जताई हत्या की आशंकाः जवान के पिता का कहना था कि बेटा खुदकुशी नहीं कर सकता। मौके पर पहुंचे सीआरपीएफ के अधिकारी ने कहा कि आनंद ने खुद को गोली मार ली है। अधिकारी की बात सुनते ही स्वजनों ने कहा कि हत्या की गई है।

बाद में सीआरपीएफ के सीओ व स्थानीय थानाध्यक्ष के समझाने के बाद स्वजन मानें। सीओ ने कहा कि जवान की मौत में जांच के आदेश दिए गए हैं। जवान के स्वजनों के साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होगी।

श्री नगर में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। आनंद परवलपुर के ओरविगहा गांव निवासी जवान आनंद लाल जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में 2017 से ही कांस्टेबल के पद पर तैनात थे।

खुद मार ली गोलीः सीआरपीएफ अधिकारी के अनुसार बुधवार को आनंद ने खुद की राइफल से गोली मार कर खुदकशी कर ली। गोली की आवाज सुन कर आसपास में तैनात साथी जवान वहां पहुंचे तो आनंद लाल खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

एकलौते पुत्र थे आनंद लालः जवान के पिता ने बताया कि आनंद लाल एकलौता पुत्र था। उनके दो पुत्र व दो पुत्रियां व पत्नी हैं। सबसे बड़ी पुत्री सात साल का है।

पिता ने बताया कि एक साल पहले पुत्र आनंद लाल की सड़क दुर्घटना में एक हाथ टूट गया था। काफी इलाज कराने के बाद उनके अधिकारी के बुलाने पर वह उसी अवस्था में ड्यूटी पर वापस चला गया।

एक हाथ नहीं कर रहा थाः जवान के पिता व ग्रामीणों का कहना है कि आनंद शुरू से ही काफी होनहार व मिलनसार थे। दुर्घटना में एक हाथ टूटने के बावजूद वह ड्यूटी निभा रहे थे।

ग्रामीणों ने कहा कि फोन पर उनसे वह अक्सर बात करते थे। कभी भी वह फ्रस्टेशन में नहीं दिखे। ऐसे में अब आत्महत्या कैसे कर सकते हैं।

अधिकारी ने कहा कि बुधवार सुबह श्रीनगर के सनत नगर इलाके में स्थित एक कैंप में गोली चलने की आवाज सुनाई दी।

आनंद का शव देख मचा कोहरामः परवलपुर के ओरविगहा गांव में गुरुवार की सुबह जवान का शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया। स्वजनों की चीख-पुकार गांव में गूंजने लगी। ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं। हर कोई इस घटना से हतप्रत थे।

आनंद चार बच्चों के पिता थे। पत्नी तिरंगे में लिपटे शव को देख दहाड़ मार रही थी। ग्रामीण ढांढस बंधाने में जुटे थे।

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