नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक के निर्देश के बाबजूद नालंदा जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी तथा बिना सूचना गायब रहने का सिलसिला जारी है।
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के आदेशानुसार सभी सरकारी स्कूलों का लगातार औचक निरीक्षण कराया जा रहा है। लेकिन प्रायः स्कूलों के औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित पाए जा रहे हैं। शिक्षक समय पर या तो स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं अथवा बिना सूचना के अनुपस्थित रह जाते हैं। ऐसे में विभाग द्वारा लगातार शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा रही है।
बकौल जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार, विगत 9 मई को विभिन्न स्कूलों में हुए विभागीय औचक निरीक्षण के दौरान 33 शिक्षक बिना सूचना के अनाधिकृत रूप से गायब पाए गए हैं। कई स्कूलों में तीन-तीन, चार-चार शिक्षक एक ही दिन गायब मिले।
जिनमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय धीमोय के 3 शिक्षक, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय गंगापुर के 4 शिक्षक तथा मिडिल स्कूल कछियावां के 4 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इसके अलावा कई स्कूलों से एक-दो शिक्षक भी अनुपस्थित पाए गए।
इस तरह स्कूल से बिना सूचना अनुपस्थित पाए गए सभी 33 शिक्षकों की एक दिन की वेतन कटौती की गयी है। सभी शिक्षकों से तीन दिनों के भीतर इस संबंध में स्पष्टीकरण की मांग भी की गई है।
इसके पूर्व भी विगत 30 अप्रैल को भी विभाग के द्वारा बीआरपी, केआरपी, बीपीएम तथा जेएमटी आदि के माध्यम से स्कूलों के कराए गए निरीक्षण में कुल 36 शिक्षक असूचित तथा अनाधिकृत रूप से गायब पाए गए थे। इन सभी शिक्षकों का भी एक दिन की वेतन की कटौती करते हुए उनसे स्पष्टीकरण की भी मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि ग्रीष्मावकाश की छुट्टियों के दौरान भी जिले के सभी सरकारी स्कूलों में दक्ष तथा विशेष कक्षाओं का संचालन 8:00 बजे पूर्वाह्न से 10:00 बजे पूर्वाह्न के बीच किया जा रहा है। इन कक्षाओं में भी नियमित रूप से शिक्षकों को उपस्थित रहना अनिवार्य है। यदि शिक्षकों के द्वारा स्पष्टीकरण का उचित जवाब नहीं दिया जाता है तो उन पर आगे भी कार्रवाई हो सकती है।
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