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जिला कांग्रेस कार्यालय में जड़ा ताला, राहुल गांधी से नीट आरोपी की मुलाकात पर बवाल

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ नगर के धनेश्वर घाट स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय राजेंद्र आश्रम में हंगामा मच गया। सभी प्रखंडों से आए प्रखंड अध्यक्षों और पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष नरेश प्रसाद अकेला के कार्यकलापों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने हल्ला बोल कार्यक्रम आयोजित कर पार्टी कार्यालय में ताला जड़ दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाल ही में राजगीर में राहुल गांधी से नीट घोटाले के आरोपी संजीव मुखिया के भतीजे की मुलाकात कराने पर कड़ी नाराजगी जताई।

प्रदर्शनकारियों ने जिला अध्यक्ष पर दलाली और चापलूसी को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया। उनका कहना है कि नरेश प्रसाद अकेला के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमजोर हो रही है।

बेन प्रखंड अध्यक्ष राजीव कुमार गुड्ड ने कहा कि जब से नरेश प्रसाद अकेला को जिलाध्यक्ष बनाया गया, तब से राजेंद्र आश्रम में पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। प्रखंड अध्यक्षों को किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता, और पुराने कार्यकर्ताओं को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।

हरनौत प्रखंड अध्यक्ष सुभाष यादव ने आरोप लगाया कि नरेश प्रसाद अकेला न केवल स्वयं दलाली में लिप्त हैं, बल्कि अपने आसपास भी दलालों और चापलूसों को रखते हैं। उन्होंने राजगीर में राहुल गांधी के कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष ने प्रखंड अध्यक्षों के नाम लिस्ट से हटाकर नीट घोटाले के आरोपी संजीव मुखिया के भतीजे जैसे लोगों को राहुल गांधी से मिलवाया। यह पार्टी और हमारे नेता की छवि को धूमिल करने की साजिश है।

महानगर अध्यक्ष महताब आलम गुड्ड ने दावा किया कि नरेश प्रसाद अकेला को प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि चुनाव में टिकट बंटवारे में धांधली के लिए ही नरेश को जिलाध्यक्ष बनाया गया। जिला मीडिया सेल के प्रभारी उदय शंकर कुशवाहा, अति पिछड़ा नेता अश्विनी गौरव और अल्पसंख्यक अध्यक्ष फवाद अंसारी ने भी राजगीर कार्यक्रम में प्रखंड अध्यक्षों को नजरअंदाज करने की निंदा की। उन्होंने कहा कि हमने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मेहनत की, लेकिन रिसेप्शन लाइन में अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को राहुल गांधी से मिलवाया गया।

पूर्व जिला युवा अध्यक्ष मुन्ना पांडे ने कहा कि पिछले चुनाव में भी जदयू के साथ मिलकर साजिश के तहत दो प्रत्याशियों को उतारा गया, जो चुनाव के बाद गायब हो गए। इस बार भी ऐसी ही साजिश की बू आ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बार हम सभी प्रखंड अध्यक्ष और कार्यकर्ता एकजुट हैं। हम ऐसी साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे, चाहे लड़ाई जहां तक जाए।

कांग्रेसियों ने नरेश प्रसाद अकेला को तत्काल बर्खास्त करने और पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। साथ ही उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रभारी पर भी नालंदा में गलत लोगों को शह देने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नालंदा में कांग्रेस की स्थिति बद से बदतर हो गई है। राजगीर, नालंदा और हरनौत विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे लोग प्रत्याशी बनने की होड़ में हैं, जो पिछले पांच सालों में कभी नजर नहीं आए। वहीं दशकों से पार्टी के लिए मेहनत करने वाले कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

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