Home गाँव जेवार उर्वरक बिक्री में अनियमितता होने पर जिला-अनुमंडल-प्रखंड कृषि पदाधिकारी होंगे जिम्मेवार

उर्वरक बिक्री में अनियमितता होने पर जिला-अनुमंडल-प्रखंड कृषि पदाधिकारी होंगे जिम्मेवार

बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। वर्तमान रबी फसल के लिए जिला में उर्वरक की निरंतर उपलब्धता तथा पारदर्शिता के साथ इसकी बिक्री को लेकर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने आज विभिन्न जनप्रतिनिधिगण तथा कृषि विभाग के पदाधिकारियों के साथ हरदेव भवन सभागार में बैठक की।

जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 10 दिसंबर से यूरिया एवं अन्य आवश्यक उर्वरक की आपूर्ति लगातार हो रही है। प्राप्त उर्वरक को निर्धारित प्रक्रिया के तहत विभिन्न उर्वरक विक्रेताओं को उपलब्ध कराया जा रहा है।

उर्वरक की अनुपलब्धता एवं कालाबाजारी के संबंध में विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त हो रही है। इस संबंध में बताया गया कि वर्तमान में यूरिया एवं अन्य उर्वरक के अनुपलब्धता (क्राइसिस) की स्थिति नहीं है, लगातार आपूर्ति हो रही है।

उपलब्ध स्टॉक के पारदर्शिता के साथ बिक्री सुनिश्चित करने के लिए सभी उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठानों के साथ कृषि विभाग के कर्मी/पदाधिकारियों को पूर्व में ही सम्बद्ध  किया गया है। जिलाधिकारी ने संबंद्ध किए गए सभी कर्मियों/पदाधिकारियों की प्रतिदिन संबंधित उर्वरक प्रतिष्ठान पर उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए उनकी निगरानी में बिक्री सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

सभी उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों के साथ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी को भी संबंद्ध करने का आदेश दिया। इनके द्वारा प्रतिदिन कम से कम पांच उर्वरक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया जाएगा तथा पूर्व से टैग किए गए कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाएगी। प्रतिदिन कर्मियों की उपस्थिति एवं निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट जिला स्तर पर उपलब्ध कराने को कहा गया।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठान से यदि अनियमितता की शिकायत प्राप्त होगी, और जांच में सही पाई जाएगी, तो संबंधित संबंद्ध किए गए अनुमंडल /प्रखंड कृषि पदाधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।

कृषि विभाग के सभी पदाधिकारियों को उर्वरक की उपलब्धता के बारे में किसानों के बीच नियमित रूप से जानकारी साझा करने को कहा गया। किसानों को भी आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरक की खरीद हेतु प्रेरित करने को कहा गया।

उर्वरक बिक्री में अनियमितता से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत की जांच कृषि विभाग के प्रखंड/अनुमंडल/जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी के माध्यम से ही सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।

उर्वरक की अधिक मात्रा में खरीद करने वाले क्रेताओं तथा संबंधित विक्रेताओं की जांच के लिए भी जांच दल गठित किया गया है, जिसे ऐसे सभी मामलों में त्वरित जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

बैठक में विभिन्न विधायकगण के प्रतिनिधि, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी,विभाग के अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

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