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पेपर लीक सरगना संजीव मुखिया के नालंदा में 2 ठिकानों पर ED का छापा

छापेमारी के दौरान 8 से 10 अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्र, चार ब्लैंक चेक, चेक बुक, पासबुक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। ED की टीम इन दस्तावेजों को अपने साथ ले गई है।

हिलसा (नालंदा दर्पण)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को नालंदा जिले में सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले के पेपर लीक सरगना संजीव मुखिया से जुड़े दो ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई नीट, सिपाही भर्ती और बीपीएससी शिक्षक भर्ती जैसे हाई-प्रोफाइल पेपर लीक मामलों में भ्रष्टाचार की जांच को गति देने का हिस्सा मानी जा रही है।

सुबह 7:30 बजे से शुरू हुई इस कार्रवाई में ED की टीम ने नालंदा के दो अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। पहली छापेमारी बलवा गांव में संजीव मुखिया के बेटे डॉक्टर शिव के घर पर हुई।

जबकि दूसरी कार्रवाई गोसाई मठ गांव में संजीव के सहयोगी संदीप कुमार के आवास पर की गई। ED की तीन गाड़ियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भी तैनात थे और लगभग एक दर्जन ED अधिकारी इस अभियान में शामिल रहे।

सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान 8 से 10 अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्र, चार ब्लैंक चेक, चेक बुक, पासबुक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। ED की टीम इन दस्तावेजों को अपने साथ ले गई है।

गोसाई मठ गांव में ED की कार्रवाई के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ ग्रामीणों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए नारेबाजी की और पत्थरबाजी पर उतारु हो गए। लेकिन सीआरपीएफ जवानों ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित कर लिया और प्रदर्शनकारियों को पीछे हटने पर मजबूर किया। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजामों के चलते छापेमारी दोपहर बाद तक बिना किसी बड़ी बाधा के जारी रही।

कहा जाता है कि संदीप कुमार, जिसे संजीव मुखिया का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है, गोसाई मठ गांव के सबसे बड़े खेतिहर किसानों में से एक है। उसके पास गांव में सबसे अधिक कृषि भूमि है। सूत्रों के अनुसार ED की टीम के पहुंचने से पहले ही संदीप अपने घर से फरार हो चुका था। जिसने उसकी संलिप्तता की आशंकाओं को और गहरा कर दिया है।

वहीं संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव भी सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में पहले से आरोपी है। वह इस मामले में जेल जा चुका है और हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ है। उसके आवास पर भी ED ने तलाशी ली, जिससे इस मामले में नए सबूत मिलने की संभावना बढ़ गई है।

बता दें कि संजीव मुखिया को नीट पेपर लीक का मुख्य सरगना माना जाता है। वह कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल रहा है। इस साल अप्रैल 2025 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उसे पटना से गिरफ्तार किया था। उस पर तीन लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। वर्तमान में वह जेल में बंद है। संजीव 5 मई 2024 को हुए नीट पेपर लीक के बाद से फरार था और उसकी गिरफ्तारी ने शिक्षा जगत में व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर किया।

संजीव नालंदा के नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था। उसकी पत्नी ममता देवी ने 2020 में हरनौत विधानसभा क्षेत्र से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और 38,163 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रही थीं। सूत्रों के मुताबिक, ममता इस बार भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार होंगी या किसी राजनीतिक दल से टिकट लेंगी।

ED की इस छापेमारी को परीक्षा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नीट, सिपाही भर्ती और बीपीएससी शिक्षक भर्ती जैसे मामलों में पेपर लीक ने शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संजीव मुखिया और उसके सहयोगियों के खिलाफ यह कार्रवाई न केवल इन मामलों की गहराई तक जांच को आगे बढ़ाएगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी एक सख्त संदेश देगी।

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