अन्य
    Friday, April 19, 2024
    अन्य

      अश्वगंधा की खेती के लिए काफी उत्साहित हैं बिहार के किसान : एसएन दास

      “अश्वगंधा एक रोगनिरोधी पादप है। अश्वगंधा का उपयोग रोगनिरोधी शक्ति बढाने वाली कई तरह के बीमारियो की दवा बनाने में होता है। देश के मध्य प्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात के कुछ इलाको में इसकी खेती होती है। भारत मे हर्वल दवा बनाने वाली कंपनियों में अश्वगंधा की मांग है…

      इसलामपुर (नालंदा दर्पण )। औषधीय पौधो के जैविक खेती एवं जैविक प्रमाणीकरण विषय पर क्वालिटी कॉसिंल आफ इंडिया एवं राष्ट्रीय पादप बोर्ड नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा पटना एवीआर होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

      Farmers of Bihar are very excited for the cultivation of Ashwagandha 2इसलामपुर पान अनुसंधान केंद्र के प्रभारी एसएन दास ने बताया कि बिहार की मिट्टी में औषधीय पौधा अश्वगंधा की खेती का प्रयोग सफल हो रहा है। वेगुसराय और मंसुर प्रखंड के अहियापुर गांव में इसकी खेती पर अनुसंधान करने वाले कृषि वैज्ञानिक उत्साहित है।

      सरकार द्घारा जलवायु अनुकूल खेती में इसको शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी चल रहा है। अहियापुर में अश्वगंधा की खेती कर प्रयोग सफल होने से किसान खुशहाल है।

      अश्वगंधा के लिए कम वारिश वाला इलाका चाहिए। लेकिन अब तक जिन जिलों में इसकी खेती की गयी है। वहां समान्य बारिश के बाद भी इसकी अच्छी उपज हुई है।

      उन्होंने बताया कि इसलामपुर पान अनुसंधान केंद्र में विभिन्न प्रकार की औषधीय पौधा पर प्रयोग किया जा रहा है। जिससे किसानों को लाभ मिल रहा है। केंद्र से सम्पर्क कर  बीज प्राप्त कर सकते है। मार्केट तक विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधा के बीज पहुंचाने के लिए औषधीय खेती सेवा संस्थान से सहयोग लिया जा रहा है।

      Farmers of Bihar are very excited for the cultivation of Ashwagandha 1सारन, पूर्वी चापरण, वैशाली, पटना, रोहतास, कटिहार आदि क्षेत्र के किसानों के द्वारा 47 एकड़ भूमि पर अश्वगंधा आदि की फसल को खेतों में लगाने के उत्साहित है। इसमें सारण बाजार समिति संजय गुप्ता 10 एकड, पुर्वी चांपरण सरैया वदुराहा गांव के मधुसुदन दुवे 2 एकड, रोहतास के डेफफोल्डिस अकादमी वेस्ट नोखा गढ के नीतु कुमारी 10 एकड, राजपुर सबेया बाल के उमेश प्रसाद 5 एकड, सवेया बाल राजपुर के सुरेंद्र सिंह 5 एकड,हिमांशु पटेल 10 एकड, अभिषेक कुमार 5 एकड खेतों में अश्वगंधा की फसल लगाने का इच्छा जाहिर की है।

      इस वर्ष अश्वगंधा जमीन पर लगाकर लाभांवित होगे।इसके लिए इसलामपुर पान अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक तत्पर है। अनुसंधानकर्ता वैज्ञानिको के अनुसार गोपालगंज, सारण के अलावे अन्य जिलो में इसकी खेती के लिए जगह का प्रयोग किया जायेगा। इसके लिए किसानो द्घारा इच्छा जाहिर किया जा रहा है।

      इस कार्यशाला मे राज्य स्तरीय औषधीय पादप बोर्ड विहार के सीइओ श्री अरविंदर सिंह, राष्टीय पादप बोर्ड पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रिय निदेशक डॉ. संजय बाला, औषधीय एवं सुगंधित पौधा अनुसंधान केन्द्र आनंद गुजरात के डॉ.. आर.एन. रेड्डी, क्वालिटी कॉसिंल ऑफ़ इण्डिया नई दिल्ली के डॉ. एस.एस. कोरंगा, शिबेश शर्मा, गुजरात के साइनटीस नागाराजा रेवडी ,राजकीय तिब्बी कॉलेज पटना के प्राचार्य डॉ. तबरेज अखतर लारी, औषधीय एवं पान अनुसंधान केन्द्र नालंदा के डॉ. शिवनाथ दास, डॉ. अजीत पांडेय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के डॉ. प्रभात कुमार तथा राज्य भर के औषधीय पौधा, जैविक खेती एवं आयुष क्षेत्र मे कार्य करने वाले विभिन्न संस्थाओं, औषधीय कृषक समूह, एफपीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जबकि कार्यशाला का संचालन औषधीय एवं सुगन्धित पौधा उत्पादक संघ विहार के कृष्णा प्रसाद ने किया।

       

      भूतहाखार पंचायतः हाई प्रोफाईल खर्चीली मुखिया ने उतारे ‘खड़ाऊं प्रत्याशी’, क्योंकि…

      रामपुर पंचायतः अभी सारे प्रत्याशी अपने जाति के हीरो बनने में जुटे हैं ! देखिए विकास का रोचक आकड़ा

      खुले में शौच गया बच्चा पानी भरे खाई में लुढ़का, डूबने से हुई मौत

      पत्नी की गला घोंट हत्या कर शव को नदी में फेंका, हत्यारोपी पति गिरफ्तार, बहन की ननद से की थी दूसरी शादी

      प्रायः सभी थानों में हुई शांति समिति बैठक में कोविड-19 गाइडलाइन की उड़ी धज्जियाँ

       

      2 COMMENTS

      Comments are closed.

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!