नालंदा दर्पण डेस्क। इस बार नगरनौसा प्रखंड का भूतहाखार पंचायत चुनाव खास सुर्खियों में है। इसकी दो वजह बताई जाती है। एक तो रामपुर पंचायत के मुखिया की पत्नी का चुनाव लड़ना और दूसरा निवर्तमान मुखिया द्वारा अपना “खड़ाऊं” प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारना।
रामपुर पंचायत के मुखिया डेगन गोप को यह पद इतना भाया है कि अपनी पत्नी को भूतहाखार पंचायत से चुनाव अखाड़ा में बतौर मुखिया प्रत्याशी उतार दिया है। हालांकि इस प्रत्याशी को प्रशासन से शुरुआती दौर में ही झटका दिया।
चुनाव चिन्ह आवंटन होने के पहले ही अपना कार्यालय खोल उसे झंडा-बैनर से पाट दिया। जिस पर प्रशासन ने गंभीरता बरतते हुए प्राथमिकी दर्ज कर दी।
उधर निवर्तमान मुखिया ममता देवी इस बार चुनाव नहीं लड़ रही है। लेकिन पंचायत वासी उनके एक करीबी प्रत्याशी को “खड़ाऊं” मान चुके हैं। ममता देवी एक हाई प्रोफाईल महिला मानी जाती है। बतौर जदयू कार्यकर्ता उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों में पहले पानी की तरह पैसे बहाए। मीडिया विज्ञापनों के साथ भीड़ जुटाने पर खूब पैसे लुटाए।
श्री देवी को विश्वास था कि श्री हरिणारायन सिंह सरीखे दिग्गज विधायक का टिकट काटकर उन्हें थमा दिया जाएगा। लेकिन जब वैसा नहीं हुआ तो विद्रोह कर दिया और भाजपा के कथित हनुमान चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ गई। लेकिन लोजपा को पूर्व विधानसभा चुनाव की तुलना में कम वोट मिले।
लेकिन इतना तो जरुर कहा जा सकता है कि आज कल चुनाव में जो पैसे लुटाए जाते हैं, वो अंततः आम जनता के ही होते हैं। जिसके बल चुनावी कारोबार का प्रचलन काफी बढ़ गया है।
यदि सरकारी आकड़ों की बात करें तो नगरनौसा प्रखंड का भूतहाखार पंचायत सीएम सात निश्चय योजना के क्रियान्वयन के मामले में अव्वल दिखती है। यहाँ की निवर्तमान मुखिया ममता देवी ने करीब 6 करोड़ रुपए सिर्फ जल-नल और गली-नली योजना पर खर्च की है।
यह दीगर बात है कि क्षेत्र में उस तरह के विकास नहीं दिखते हैं, जिस पैमाने पर सरकारी खजाना को निचोड़ा गया है। पंचायतवासी बेहिचक कहते हैं कि इस बार ममता देवी मुखिया चुनाव नहीं जितती। इसलिए इस दंगल से बाहर रहना ही मुनासिब समझी।
बहरहाल, आईए उस सरकारी आकड़े पर नजर डालें कि भूतहाखार पंचायत में किस तरह भारी भरकम राशि की योजनाएं क्रियान्वित की गई है। जिसकी असल पड़ताल मतदान पूर्व मतदाता ही कर सकते हैं। क्योंकि लूट के इस सरकारी खेल में शामिल प्रशासनिक लोग दूध के धुले थोड़े हैं…?