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    Tuesday, April 29, 2025
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      यहां थानेदार की मैडम जला रही है नगर का दीप !

      नालंदा दर्पण डेस्क / मुकेश भारतीय। इन दिनों नालदा जिला पुलिस महकमे में एक थानेदार की मैडम पूरे ‘नगर’ में ‘दीप’ जलाकर अपना नाम खूब रौशन कर रही है। उनकी चर्चा बड़े हाकिम तक पहुंच गई है, लेकिन उनकी भी हिम्मत नहीं पड़ रही है कि आखिर एक थानेदार की मैडम के हाथ से वे दियासलाय छीनं तो कैसे? घी की खुशबू तो उन्हें भी तो पसंद है ही।

      यहां जिस थाना की बात हो रही है। फिलहाल वह गंभीर अपराध की दृष्टि में नंबर वन है। कई हत्या, लूट, चोरी की बड़ी घटनाएं हुई है। थानेदार साहब बस सीधे थाना से बाहर निकलते हैं और फिर अपनी खोली में घुस जाते हैं। उन्हें थाना में किसी बात की कोई चिंता नहीं होती है। हो भी क्यों? आखिर उनकी धर्मपत्नी मैडम तो हैं ही। वह सब संभाल लेती है।

      भले ही वह पुलिस सेवा की नौकरी न करती हों। लेकिन साहब के साथ वह इस सेवा और इसकी मेवा से वह रग-रग वाकिफ तो हो ही चुकी है। वह थाना की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है। ओडी से लेकर अंदर तक। मामला उलझाने से लेकर सुलझाने तक। सब वहीं हैंडल करती है।

      किसे किस केस का आईओ बनाना है। कब की पाली में किसे गश्ती पर भेजनी है। दारु का मामला किसे सौंपना है। बालू का मामला किसे सौंपना है। वाहन चेकिंग आदि का जिम्मा किसे देना है। सब वह ही तय करती है।

      हां। इस थाना में मैडम के साथ एक मजेदार बात यह है कि उन्हें एक भक्त कोतवाल मिल गया है। जो उनकी सभी कामों को करने में खूब मदद करता है। अजी मदद क्या करता है, हाथ बंटाता है। जब अपना हाथ बंटाता ही है तो अपना भी खूब कल्याण कर लेता है। इस चौकीदार की रोजाना आमदनी 20 से 25 हजार बताई जाती है। जिस दिन वह इतना न कमा ले, उसका माथा खुजलाते रहता है।

      इस चौकीदार को अभी पैसे की जरुरत है। वह अपना एक आलीशान भवन बना रहा है। करोड़ रुपया लग चुका है। आगे और कितना लगेगा, कहा नहीं जा सकता। लेकिन उसे उम्मीद है कि मैडम अगर यहां कुछ बढ़ियां समय तक टिक गई तो उसका कल्याण हो जाएगा। आखिर मैडम की भी तो अपना बड़ा पेट है। अयसही वे थानेदार को खोली में कैद नहीं रखती हैं। थानेदार साहब हजार पांच सौ में ही सलट जाते थे। लेकिन उनकी मैडम हैं कि…….नारायण, नारायण, नारायण।

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