अन्य
    Thursday, November 21, 2024
    अन्य

      सरकारी स्कूलों में कैसे रोकेंगे बच्चों की फर्जी हजिरी, जानें ACS सिद्धार्थ का मास्टर प्लान

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी सरकारी स्कूलों में एक जनवरी से ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से डिजिटल मोड में हाजिरी लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस नई प्रणाली के तहत स्कूलों में आने वाले बच्चों की उपस्थिति उनके चेहरे की स्वचालित पहचान यानी ‘फेस रीडिंग’ तकनीक के माध्यम से दर्ज की जाएगी।

      शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात हर शनिवार’ कार्यक्रम के पहले एपिसोड के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और अब इसे सभी स्कूलों में लागू किया जा रहा है। इसके लिए स्कूलों में टैबलेट्स की खरीद की जा रही है। जिससे बच्चों की उपस्थिति आसानी से ली जा सकेगी। शिक्षकों को इस तकनीक की उचित ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ताकि प्रक्रिया सटीक रूप से संचालित हो सके।

      डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी स्पष्ट किया कि इस व्यवस्था से फर्जी उपस्थिति लगाने की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा। बच्चों की उपस्थिति के लिए ली गई फोटो और फेस रीडिंग डेटा से किसी भी प्रकार की धांधली संभव नहीं होगी। 10 दिनों के भीतर शिक्षकों को आदेश, निर्देश और मार्गदर्शन से संबंधित सभी जानकारी की सॉफ्ट कॉपी भेजी जाएगी ताकि प्रक्रिया को लेकर कोई असमंजस न रहे।

      स्थानीय भाषाओं में प्रारंभिक शिक्षाः इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि कक्षा एक की पढ़ाई स्थानीय भाषाओं में कराई जाएगी। शुरुआती स्तर पर बच्चों को मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली जैसी बिहार की स्थानीय भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि बच्चे अपनी मातृभाषा में बेहतर और सहज तरीके से सीख सकें।

      आगे की कक्षाओं जैसे 9वीं से 12वीं में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए दोनों माध्यमों की पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी और अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें स्कूल की लाइब्रेरी में रखी जाएंगी। ताकि बच्चे उन्हें पढ़ सकें। शिक्षकों को भी निर्देश दिया जाएगा कि वे हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी पढ़ाने का प्रयास करें। ताकि बच्चे दोनों भाषाओं में सशक्त हो सकें।

      वेशक यह कदम राज्य में शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। जिससे बच्चों की पढ़ाई और उनकी हाजिरी की प्रणाली दोनों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      Wildlife and nature zoo safari park in Rajgir, Nalanda, Bihar, India Bihar Sharif covered with red flags regarding Deepnagar garbage dumping yard in nalanda बिहारशरीफ नगर का रमणीक स्थान हिरण्य पर्वत जानें राजगीर ब्रह्म कुंड का अद्भुत रहस्य