नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शरीफ सदर अस्पताल में एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का खून स्वस्थ महिला को चढ़ाने के मामले में लैब टेक्निशियन को बर्खास्त कर दिया गया है।
यह कार्रवाई बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह के आदेश पर की गयी है। परियोजना निदेशक के अनुसार लैब टेक्निशियन संतोष कुमार के कारण एक स्वस्थ्य को एचआईवी संक्रमित होने के साथ ही जान भी जोखिम में आ गयी है।
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति (बीएसएसीएस) के परियोजना निदेशक ने यह कार्रवाई सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। निदेशक के मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश से स्वास्थ्य महकमा के कई अन्य अधिकारी-कर्मियों भी नप सकते हैं।
परियोजना निदेशक ने पत्र में कहा है कि पटना जिला के नौबतपुर प्रखंड के गोआई-करजा गांव निवासी संतोष कुमार ने सरकारी कार्यों के दौरान अनैतिक आचरण तथा अपने कार्यों व दायित्वों का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया। यह उनकी नौकरी के एकरारनामे की शर्तों के प्रतिकूल है। ऐसे में उनकी सेवा खत्म की जाती है। इनके सेवा में बने रहने से भविष्य में इस तरह की घटनाओं की आशंका बनी रहेगी।
दरअसल, तीन नवंबर को एक महिला अस्पताल में प्रसव कराने आयी थी। पति-पत्नी दोनों एचआईवी संक्रमित थे। बावजूद, उन्होंने यह बात छुपाते हुए न सिर्फ पत्नी का सीजेरियन प्रसव कराया, बल्कि पति ने रक्त भी दिया। उस खून को ब्लड बैंक में जमा कराते हुए उसकी पत्नी को दूसरा खून चढ़ाया गया।
इसके बाद पांच नवंबर को दूसरी प्रसूता को जरूरत के अनुरूप वही खून चढ़ाया गया। लैब टेक्निशियन के अनुसार एचआईवी संक्रमित पुरुष के खून की जांच सही तरीके से की गयी थी। लेकिन, रिपोर्ट निगेटिव आयी थी।
इस घोर लापरवाही के मामले का खुलासा होने के बाद इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनायी गयी थी। उसी जांच को आधार मानते हुए परियोजना निदेशक ने कार्रवाई की।
फिलहाल, संक्रमित दंपती से संपर्क के बाद भी कोई सदस्य अब तक अस्पताल या एआरटी सेंटर नहीं आया है। वहीं, संक्रमित रक्त चढ़ायी गयी महिला के सैंपल लिए जाने के बाद उसे 90 दिनों तक एहतियायत बरतने व टीम को इसकी नियमित परीक्षण करने का आदेश दिया गया है।
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