नालंदा दर्पण डेस्क। बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय ने एक मूक बधिर नाबालिग बच्ची के साथ हुई गैंगरेप के मामले में दो आरोपितों को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20-20 हजार रुपये का जुमांना भी किया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के विशेष पॉक्सो जज सह एडीजे सात धीरेंद्र कुमार ने आरोपित संतोष सिंह व रघुवीर मांझी को यह सजा सुनाई है। दोनों आरोपित सिलाव थाना क्षेत्र के निवासी हैं।
न्यायालय ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर योजना से सवा पांच लाख रुपये सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है। मामले में अभियोजन की ओर से स्पेशल पीपी सुशील कुमार ने सभी 11 लोगों की गवाही कराई थी। इसमें जहां पीड़ित पक्ष के लोग न्यायालय में घटना से मुकर गए।
वहीं न्यायालय ने मेडिकल एवं फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के साक्ष्य को सही पाते हुए दोनों आरोपितों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। इस मामले में स्पीडी ट्रायल प्रभारी रुस्तम ने न्यायालय में गवाहों को उपस्थित करने में अहम भूमिका निभाई।
स्पेशल पीपी ने बताया कि 12 फरवरी 2021 को साढ़े तीन बजे दिन में सूचक की मूक बधिर ननद शौच करने नहर की तरफ गई थी। जब वह वापस घर नहीं लौटी तो परिजन खोजबीन करने लगे।
इसी दौरान वहां से गुजर रही एक महिला ने बताया कि पीड़िता को दोनों आरोपितों ने मिलकर बगीचा की ओर ले गया है। इसके बाद परिजन बगीचा की तरफ गए। वहां दोनों आरोपितों के द्वारा पीड़िता के साथ जबरदस्ती गलत कार्य करते हुए देखा। परिजन को देखते ही दोनों आरोपित भाग गए थे।
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