बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। रकांपा जिलाध्यक्ष राजकुमार पासवान ने आरोप लगाया है कि जब से नए अंचल अधिकारी (सीओ) प्रभात रंजन ने कार्यभार संभाला है, तब से घूसखोरी चरम पर पहुंच गई है। लोगों का कहना है कि यह कार्यालय अब डकैतों का अड्डा बन चुका है। जहां बिना रिश्वत दिए कोई भी सरकारी कार्य संपन्न नहीं होता।
श्री पासवान ने नालंदा जिलाधिकारी को संबोधित एक लिखित शिकायत में यह खुलासा किया है कि रोजाना कई लोग उनके पास अंचल कार्यालय में हो रही अवैध वसूली की शिकायत लेकर आते हैं। इसमें दाखिल-खारिज, परिमार्जन, जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेजों के लिए रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाए गए हैं।
शिकायत के मुताबिक सीओ प्रभात रंजन 4 मार्च, 2024 को पदभार ग्रहण करने के बाद से मुश्किल से आधे घंटे के लिए ही कार्यालय आते हैं और बाकी समय लापता रहते हैं। आरोप यह भी है कि कार्यालय में काम करने वाले कुछ कर्मचारी और अमीन ही इस भ्रष्टाचार के सूत्रधार बने हुए हैं।
शिकायतकर्ता के अनुसार राजस्व कर्मचारी चंदन कुमार, अवैध अमीन अजीत कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर मुख्य रूप से दलाली का काम कर रहे हैं। इन तीनों पर यह आरोप लगाया गया है कि वे आम जनता से पैसे वसूलते हैं और फिर सीओ के निवास स्थान पर जाकर फाइलें निपटवाते हैं। यदि कोई व्यक्ति रिश्वत देने से इनकार करता है तो उसे कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।
शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से मांग की है कि सीओ प्रभात रंजन और उनके सहयोगी कर्मचारियों के कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड की जांच कराई जाए और इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि दोषियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। ताकि आम जनता को इस रिश्वतखोरी और लूटखसोट से राहत मिल सके।
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