बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। PHED department’s action: बिहार पीएचईडी विभाग ने नालंदा में हर घर नल जल योजना के तहत करीब 41 करोड़ के 17 टेंडर को कर दिया गया है। महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान सारे टेंडर किये गये थे। 98 नये टोलों में हर घर नल का जल पहुंचाना था।
जिन टेंडरों को रद्द किया गया है उनमें पीएचईडी के बिहारशरीफ प्रमंडल के 11 तो हिलसा प्रमंडल के 6 टेंडर शामिल हैं। जांच में नियमों का पालन न होने पर विभाग ने यह फैसला लिया है। अब एक सप्ताह के अंदर नये सिरे से निविदा आमंत्रित कर टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है।
योजना के तहत बिहारशरीफ प्रमंडल की 55 पंचायतों की करीब 62 नयी बसावटों (टोलों) में करीब 23 करोड़ से हर घर तक नल का जल पहुंचाना था। जबकि, हिलसा अनुमंडल के 36 नये टोलों में नल-जल योजना पर करीब 18 करोड़ खर्च होना था।
शुरुआत में चार माह में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। परंतु, टेंडर रद्द होने और पुनः सारी प्रक्रिया पूरी कर काम प्रारंभ करने में कम से कम डेढ़ से दो माह लगना तय है। तब तक नये टोलों के लोगों को नल का जल के लिए इंतजार करना होगा।
बताया जाता है कि चयनित टोलों के हर घर तक पाइन लाइन बिछाकर नल का जल पहुंचाना है। पानी की आपूर्ति के लिए प्रत्येक टोले में बोरिंग होनी थी। जिन टोलों में 70 से कम घर थे, वहां टावर नहीं लगाकर डायरेक्ट मोटर से घरों तक पानी पहुंचाना था।
वहीं, बड़े टोलों के घरों तक 24 घंटे पानी पहुंच. ने के लिए आठ मीटर ऊंचा टावर बनाकर 10 हजार लीटर क्षमता की प्लास्टिक टंकी लगायी जानी थी। टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए कहीं तीन तो कहीं पांच एचपी का मोटर लगना था। जिन वार्डों में नल-जल का काम होना था, उसका रखरखाव भी पांच साल तक काम करने वाली एजेंसी को करना था।
यही नहीं, पाइप में लिकेज, मोटर का खराब होना व अन्य तरह की तकनीकी परेशानी आने पर ठीक करने की जवाबदेही एजेंसी को दी गयी थी। बिजली बिल भी एजेंसी को ही भुगतान करना था।
बिहारशरीफ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता बालमुकुंद कुमार के अनुसार विभाग के वरीय अधिकारियों के आदेश पर सारे टेंडर को रद्द किया गया है। दोबारा से टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद प्रारंभ कर दी गयी है। उम्मीद है कि जल्द ही योजना पर काम शुरू होगा। नये टोलों के हर घर तक पानी पहुंचेगा।
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