Precious heritage: राजगीर में सम्राट जरासंध स्मारक बना आकर्षण का केंद्र

Precious heritage: Emperor Jarasandh's memorial becomes the center of attraction in Rajgir
Precious heritage: Emperor Jarasandh's memorial becomes the center of attraction in Rajgir

राजगीर (नालंदा दर्पण)। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण (Precious heritage) अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगर राजगीर में अब एक नया आकर्षण जुड़ गया है। करीब 14.83 करोड़ की लागत से निर्मित सम्राट जरासंध स्मारक परिसर में स्थापित 21 फीट ऊंची आदमकद कांस्य प्रतिमा राजगीर की शान बढ़ा रही है। इस स्मारक का निर्माण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ किया गया है। यह न केवल इतिहास प्रेमियों, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

बता दें कि सम्राट जरासंध भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं में एक महान योद्धा और कुशल रणनीतिकार के रूप में विख्यात रहे हैं। उनकी वीरता और संघर्ष गाथाएं महाभारत में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं। 21 राज्यों को अपने साम्राज्य में शामिल करने वाले इस महायोद्धा की गाथा को जीवंत करने के लिए इस स्मारक में भित्ति चित्रों के माध्यम से उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं को उकेरा गया है।

इस भव्य स्मारक में जरासंध की शौर्य गाथाओं, रणनीतिक कौशल और मगध साम्राज्य के उत्कर्ष को दर्शाने वाले शिल्प व कलाकृतियों को भी स्थान दिया गया है। यह स्मारक उनकी महानता को उजागर करने के साथ-साथ भारतीय इतिहास और पौराणिक परंपराओं की समृद्धि को भी प्रदर्शित करता है।

राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। अब इस स्मारक के माध्यम से सम्राट जरासंध की अमर गाथाओं को संजोए रखने का कार्य कर रहा है। यह स्मारक आधुनिक स्थापत्य कला और प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है।

पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए यह स्थल एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। यहां वे न केवल मगध के इस प्रतापी सम्राट की वीरता से परिचित होते हैं, बल्कि उनके दौर के गौरवशाली इतिहास को भी महसूस कर सकते हैं।

यह स्मारक केवल एक प्रतिमा का अनावरण नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। यह स्थल मगध साम्राज्य की वीरता, शक्ति और रणनीतिक सूझबूझ का प्रतीक बनकर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।

आदमकद कांस्य प्रतिमा: 21 फीट ऊंची प्रतिमा सम्राट जरासंध की वीरता और महानता का प्रतीक है।

भित्ति चित्र और कलाकृतियां: जरासंध के जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को चित्रों के माध्यम से उकेरा गया है।

पर्यावरण अनुकूल निर्माण: प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे इस स्मारक में हरियाली और आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया गया है।

आकर्षक पर्यटन स्थल: यह स्मारक राजगीर में एक प्रमुख दर्शनीय स्थल बन चुका है, जिससे क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

वेशक सम्राट जरासंध स्मारक भारतीय इतिहास के गौरव को संजोने और उसे जीवंत बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह स्मारक उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है जो भारतीय संस्कृति, इतिहास और पौराणिक कथाओं की गहराइयों को जानना चाहते हैं।

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