बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बिहारशरीफ में प्रशासनिक तैयारियां अब पूरे जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, और अन्य सरकारी एजेंसियां समन्वित रूप से चरणबद्ध तैयारियों में जुट गई हैं। जिला स्तर पर मतदाता सूची के संशोधन से लेकर ईवीएम की जांच, सुरक्षा योजनाओं और मतदाता जागरूकता अभियानों तक, सभी कार्यों को गति दी जा रही है।
जिलों में मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। नए मतदाताओं को जोड़ने, मृत या डुप्लिकेट नामों को हटाने का कार्य तेजी से चल रहा है। निर्वाचन आयोग ने जुलाई-अगस्त 2025 तक अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ह, सभी विधानसभा क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट मशीनों की प्रथम स्तर की जांच और रैंडमाइजेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगस्त-सितंबर में मॉक पोल और ट्रायल रन की योजना है, ताकि मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।
प्रशासन द्वारा मतदान केंद्रों की भौगोलिक समीक्षा और पुनर्संरचना का कार्य भी जोरों पर है। केंद्रों पर बिजली, पानी, शौचालय, रैम्प, और पर्याप्त रोशनी जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की पहचान कर ली गई है, जहां सीसीटीवी और वेबकास्टिंग की व्यवस्था प्रस्तावित है। यह कदम पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है।
चुनाव तिथियों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। प्रशासन ने सभी विभागों से लंबित परियोजनाओं और सरकारी घोषणाओं की स्थिति रिपोर्ट मांगना शुरू कर दिया है, ताकि आचार संहिता के उल्लंघन से बचा जा सके। संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च, तलाशी अभियान, अवैध हथियारों की जब्ती और नकदी व शराब के खिलाफ सघन अभियान जल्द शुरू होंगे। पुलिसकर्मियों, दंडाधिकारियों और सेक्टर ऑफिसर्स के लिए प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को जिले के नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में नोडल पदाधिकारियों की तैनाती की जा रही है, जो मतदान केंद्रों की व्यवस्था की निगरानी करेंगे। क्षेत्रवार मूलभूत सुविधाओं, कर्मियों की संख्या, और सुरक्षा योजनाओं के आधार पर माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की सूची तैयार कर तीन चरणों में प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है, जिसमें बेसिक ट्रेनिंग, मॉक पोल ट्रेनिंग, और फाइनल ब्रीफिंग शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग के स्वीप (सिस्टेमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कार्यक्रम के तहत पहली बार वोट देने वाले युवाओं और महिलाओं को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जागरूकता अभियानों के माध्यम से मतदाताओं को उनके अधिकारों और मतदान की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जा रही है। सितंबर 2025 तक ईवीएम की दूसरी स्तर की जांच और सेक्टर प्लानिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
चुनाव तिथियों की घोषणा के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच आयोजित किए जा सकते हैं। प्रशासन और निर्वाचन आयोग इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं, ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष, और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।



