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    Wednesday, March 26, 2025
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      समग्र गव्य विकास योजनाः बदलेगी किसानों की तकदीर, खुलेगी 135 गौशालाएं

      इस समग्र गव्य विकास योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए जिला गव्य विकास विभाग की वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कराना होगा…

      हिलसा (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के किसानों के लिए समग्र गव्य विकास योजना एक सुनहरा अवसर बनकर आई है। इस योजना के तहत 135 किसानों को गौशाला खोलने का लाभ मिलने जा रहा है, जिससे वे गौ पालन के जरिए आत्म निर्भरता की राह पर आगे बढ़ सकेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

      जिला गव्य विकास विभाग की इस योजना के तहत 953 किसानों ने आवेदन किया था, जिनमें से 135 किसानों का चयन किया गया। अब तक 60 से अधिक किसानों को वर्क ऑर्डर जारी किया जा चुका है और उन्होंने अपने गौशाला निर्माण के लिए शेड समेत अन्य आवश्यक संसाधन जुटा लिए हैं।

      इस योजना के तहत चयनित किसानों को बैंकों से लोन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे बिना आर्थिक बाधा के गौपालन व्यवसाय शुरू कर सकें। अब तक 129 आवेदकों के लोन स्वीकृत किए जा चुके हैं। जबकि 60 से अधिक किसानों को बैंक से लोन भी मिल चुका है।

      नालंदा जिला गव्य विकास पदाधिकारी जितेंद्र कुमार के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में कुल 135 यूनिट खोलने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत विभिन्न प्रकार के यूनिट बनाए जाएंगे। जिनमें 2 गाय वाले 113 यूनिट, 4 गाय वाले 19 यूनिट, 15 गाय वाले 2 यूनिट, 20 गाय वाले 1 यूनिट शामिल हैं।

      इस योजना के तहत 12 नवंबर से 27 नवंबर तक सभी किसानों की स्क्रीनिंग की गई, ताकि उपयुक्त लाभार्थियों का चयन किया जा सके। इसके बाद उनके आवेदन लोन स्वीकृति के लिए संबंधित बैंकों को भेजे गए।

      बता दें कि गौशाला खोलने से किसानों को दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। जिससे वे इसे डेयरी कंपनियों या स्थानीय बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी कमा सकेंगे। यह योजना किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक संबल साबित होगी, जिससे वे अपनी आजीविका को और बेहतर बना सकते हैं।

      क्योंकि समग्र गव्य विकास योजना सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। इससे जुड़े अन्य व्यवसाय जैसे- पशु आहार, डेयरी उत्पादों का प्रसंस्करण और विपणन को भी नई दिशा मिलेगी।

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