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    Sunday, December 22, 2024
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      हिलसा शहर में नशे की लत से बर्बाद हो रहा है युवा पीढ़ी

      हिलसा (नालंदा दर्पण)। पुलिस-प्रशासन की लापरवाही के कारण युवा पीढ़ी तेजी से नशीले पदार्थ की गिरफ्त में जा रही है। 15 से 25 वर्ष के युवाओं द्वारा नशे के लिए ब्राउन शुगर, व्हाइटनर, बोनफिक्स को प्लास्टिक में भरकर इसे नाक मुंह से खींचकर धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।

      देखा देखी युवा वर्ग के लोग इसकी शुरुआत तो नासमझी के कारण कर रहे हैं, जो आगे जाकर बुरी आदत बनती जाती है। बाद में यह आदत कमजोरी में तब्दील हो जाती है।

      कम उम्र के बच्चों पर नशा न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक दुष्प्रभाव डाल रहा है। नशे की पूर्ति के लिए अपराध से भी वह हिचक नहीं रहे हैं। नशे के कारण सबसे अधिक प्रभावित युवा वर्ग है। इससे उनका मानसिक संतुलन खराब हो रहा है।

      एक बार नशे की लत लगने के बाद इससे निकलना मुश्किल हो रहा है। युवा वर्ग इस नशीले पदार्थ के लत में इस कदर डूबा रहता है कि इसके दुष्परिणाम के बारे में नहीं सोचता। इसमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

      नशे की लत को पूरी करने के लिए बच्चे अपराध करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन हो रही चोरी, छिनतई जैसी घटनाएं में मुख्य रूप से युवा ही शामिल हो रहे हैं।

      नशे की लत इन पर इतना हावी हो जाती है कि वह इसकी पूर्ति के लिए किसी भी तरह का अपराध कर सकता है। नशीले पदार्थो के सेवन से शरीर के स्वस्थ के साथ-साथ दिमागी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है।

      हिलसा शहर के कई स्थानों पर ब्राउन शुगर, चरस और अफीम जैसी वस्तुओं का धडल से बिक्री एवं सेवन हो रहा है। पुख्ता जानकारी दिए जाने के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनकर बैठी हुई है। इस पर पुलिस की कोई कार्रवाई न होने से यह गंभीर समस्या बढ़ता ही जा रहा है।

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