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Three-day Principals’ Conference: केंद्रीय विद्यालय लौटाएगा राष्ट्र का स्वर्णिम गौरव

राजगीर (नालंदा दर्पण)। Three-day Principals’ Conference: केन्द्रीय विद्यालय संगठन पटना संभाग के 54 केन्द्रीय विद्यालयों के प्राचार्यो का तीन दिवसीय प्रांतीय सम्मेल राजगीर नालन्दा विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में शुरू हुआ। इस सम्मेलन का उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो सिंह द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 के सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्राचार्यों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

प्राचार्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र और लोकसभा सत्र के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के नवनिर्मित अद्वितीय भवनों का उद्घाटन किया गया है। विश्वविद्यालय भवन के उद्घाटन के बाद यह पहला सम्मेलन आयोजित हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्राचार्य सम्मेलन में बिहार के सभी केन्द्रीय विद्यालयों के प्राचार्य सम्मिलित हुए हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। यहां से जब अपने अपने विद्यालयों में जायेंगे, तो छात्रों में भारत की अनेकता में एकता की भावना को विकसित कर भारत को पुनः विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठापित करेंगे।

प्रो. सिंह ने कहा कि नालंदा प्राचीन काल से ही शिक्षा का प्रधान केन्द्र रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय, नालंदा के गौरवशाली शैक्षणिक व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयासरत है। कुलपति ने कहा कि 21 वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में इंटीग्रेशन एंड यूनिटी की जरुरत है। इसे पूरा करने के लिए देश-विदेशों में केन्द्रीय विद्यालय जैसे महान संगठन की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पटना संभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं सभी 54 विद्यालयों के प्राचार्यों की उपस्थिति केन्द्रीय विद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में उन्नयन एवं विकास को गति अवश्य प्रदान करेगा। भारत के स्वर्णिम गौरव को वापस लौटाने के लिए केन्द्रीय विद्यालय के आचार्यों और प्राचार्यों को जीतोड़ प्रयास करने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया।

केन्द्रीय विद्यालय, पटना संभाग के उपायुक्त अनुराग भटनागर ने अतिथियों और प्राचार्यो का स्वागत करते हुए नालंदा के प्राचीन वैभवशाली इतिहास को याद किया और कहा कि हमारा सौभाग्य है कि इस ज्ञान की पावन धरती पर इस प्राचार्य सम्मलेन में आने का अवसर प्राप्त हुआ है।

केन्द्रीय विद्यालय के इतिहास और इसके मिशन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 1963 में 20 रेजिमेंटल विद्यालयों को केन्द्रीय विद्यालय का दर्जा दिया गया था। वह वर्तमान में बटवृक्ष के रूप में विकसित होकर इसकी संख्या 1256 केन्द्रीय विद्यालय हो गयी है। केन्द्रीय विद्यालय में करीब 14 लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

उपायुक्त ने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय के चार बड़े मिशन हैं। केंद्र सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों, जिनमें रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मी शामिल हैं, उनके बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना, विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति निर्धारित करना, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएससी) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् जैसे निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना है। बच्चों में राष्ट्रीय एकता और ‘भारतीयता’ की भावना का विकास करना है।

इसके पहले कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह और उपायुक्त अनुराग भटनागर को तिलक लगाकर, अंगवस्त्र और हरित वसुंधरा देकर स्वागत किया गया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना, शंखनाद और स्वागत गीत से किया गया। सहायक आयुक्त पूर्णेन्दु मंडल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार और अंगिका कुसुम सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर सहायक आयुक्त पूर्णेन्दु मंडल, सहायक आयुक्त मनीष कुमार, बेली रोड केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह, कंकड़बाग के प्राचार्य एमपी सिंह, राजगीर के प्राचार्य विवेक किशोर द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया।

सीबीएसई बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं में शतप्रतिशत रिजल्ट देने वाले बिहार के 10 प्राचार्यों को सम्मेलन के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें केंद्रीय विद्यालय पूर्णिया, बरौनी, दानापुर कैंट, खगौल, राजगीर, नालंदा, नबीनगर, पटना-2, शिवहर और सोनपुर है। इन विद्यालयों के प्राचार्य द्वारा अवार्ड हासिल किया गया।

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