टीन एज कपल्स की अश्लील गतिविधियों का अड्डा बन रहे हैं पर्यटन स्थल

Tourist places are becoming a hub of obscene activities of teenage couples
Tourist places are becoming a hub of obscene activities of teenage couples

नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के नालंदा जिला, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, आजकल एक गंभीर सामाजिक समस्या से जूझ रहा है। नालंदा खंडहर, बिहारशरीफ हिरणय पर्वत, सुभाष पार्क, पावापुरी एवं राजगीर के कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल अब टीन एज कपल्स की अश्लीलता का अड्डा बनते जा रहे हैं। इन स्थानों पर जारी अनैतिक गतिविधियों से सभ्य नागरिक काफी आहत हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये युवा कपल्स इन पर्यटन स्थलों को अपनी वासना का शिकार बना रहे हैं। एक प्रतिष्ठित स्थानीय व्यक्ति ने जिला वन प्रमंडल को एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपते हुए इन घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

उस पत्र में विशेष रूप से सुभाष पार्क और हिरणय पर्वत का उल्लेख किया गया है, जहां ये अनैतिक गतिविधियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।

शिकायतकर्ता ने बताया कि यह केवल स्थानीय संस्कृति और मूल्यों पर हमला नहीं है, बल्कि युवा पीढ़ी के मनोविज्ञान पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। “हम अपने बच्चों के साथ जब पार्क में टहलने जाते हैं तो इन दृश्यों को देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है।”

एक महिला ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “हमें अपने बच्चों की आंखें ढंकनी पड़ती हैं, ताकि वे इन नकारात्मक गतिविधियों से प्रभावित न हों।”

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्क के कर्मचारी इन घटनाओं के प्रति आंखें मूंदे हुए हैं। कई बार ये कर्मचारी इन कृत्यों को होते हुए देखते हैं, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते। इससे इन असामाजिक तत्वों का हौसला और बढ़ता जा रहा है।

एक अन्य नागरिक ने कहा, “ऐसी ढिलाई प्रशासनिक तंत्र की कमजोरी को दर्शाती है। अगर जल्द ही इन गतिविधियों पर रोक नहीं लगी तो नालंदा की छवि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।”

नालंदा के नागरिकों और सांस्कृतिक संरक्षण से जुड़े लोगों ने इस मामले को गंभीरता से उठाया है और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका मानना है कि अगर इस पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो यह न केवल नालंदा की सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि बिहार के पर्यटन उद्योग पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “नालंदा जैसा ऐतिहासिक स्थल, जहां हजारों पर्यटक अपनी विरासत को निहारने आते हैं, अगर इसी तरह बदनाम होता रहा तो यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा।”

अब, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिला प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है। स्थानीय लोगों की चिंता और आक्रोश को देखते हुए यह आवश्यक है कि न केवल सुरक्षा बढ़ाई जाए, बल्कि इन पवित्र पर्यटन स्थलों की गरिमा को भी बहाल किया जाए।

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