अन्य
    Tuesday, April 29, 2025
    अन्य

      हसनपुर-राजगीर खेल अकादमी मोड़ समेत बनेंगे 600 करोड़ के 3 बाइपास सड़क

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार में सड़क संपर्क को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपये की लागत से तीन महत्वपूर्ण बाइपास के निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें आरा-मोहनिया बाइपास, राजगीर बाइपास और शेखपुरा अंतर्गत सरमेरा से लखीसराय जिला सीमा पर स्थित पचना ग्रीनफील्ड बाइपास शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल स्थानीय आवागमन में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई गति मिलेगी।

      पिछले दिनों अपनी प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन बाइपास के निर्माण को जल्द शुरू करने का निर्देश दिया था। इसके बाद राज्य मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव को मंजूरी दी और पथ निर्माण विभाग ने तेजी से प्रक्रिया शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार इन परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया और अन्य औपचारिकताएं शीघ्र पूरी की जाएंगी ताकि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो सके।

      पथ प्रमंडल कोचस के अंतर्गत आरा-मोहनिया सड़क पर 12.25 किलोमीटर लंबा बाइपास बनाया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 54 करोड़ 9 लाख 41 हजार रुपये है। इस बाइपास के निर्माण से आरा और मोहनिया के बीच यातायात अधिक सुगम होगा और स्थानीय लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। यह बाइपास क्षेत्र में व्यापार और आवागमन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

      शेखपुरा अंतर्गत सरमेरा से लखीसराय जिला सीमा पर स्थित पचना (भदौस) तक 21.5 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड बाइपास बनाया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 481 करोड़ 83 लाख 58 हजार रुपये है। यह बाइपास नालंदा और लखीसराय के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। इसके बनने से दोनों जिलों के बीच यात्रा समय में कमी आएगी और जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा। यह बाइपास क्षेत्र में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन देगा।

      पथ प्रमंडल हिलसा के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग-82 के किलोमीटर 77 यानी हसनपुर गांव से राजगीर अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी मोड़ तक राजगीर बाइपास सड़क को दो लेन से फोरलेन में बदला जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 139 करोड़ 14 लाख 70 हजार रुपये है। सड़क की चौड़ाई बढ़ने से राजगीर अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी तक आवागमन और अधिक सुविधाजनक हो जाएगा। यह बाइपास न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पर्यटकों और खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। क्योंकि राजगीर एक प्रमुख पर्यटन और खेल केंद्र के रूप में उभर रहा है।

      इन तीनों बाइपास के निर्माण से नालंदा, लखीसराय, शेखपुरा और भोजपुर जैसे जिलों में सड़क संपर्क बेहतर होगा। इससे न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से राजगीर, जो बौद्ध पर्यटन और खेल गतिविधियों का केंद्र है। यहां फोरलेन बाइपास के बनने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहुंच और मजबूत होगी।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      जुड़ी खबर

      error: Content is protected !!
      ये हैं भारत के 15 विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय: प्राचीन इतिहास की नई शुरुआत 10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य