अन्य
    Tuesday, September 10, 2024
    अन्य

      ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ ने उठाया केके पाठक से भी बड़ा कदम, सभी DM को सौंपी कड़क जिम्मेवारी

      नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शिक्षा विभाग ने अब सभी सरकारी स्कूलों का निरीक्षण का जिम्मा हर जिले के जिलाधिकारी को सौंपा है। साथ ही राज्य मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा भी अपने लिए निर्धारित जिलों के स्कूलों का निरीक्षण जारी हैं। हर अधिकारी हफ्ते में कम से कम तीन दिन स्कूलों के निरीक्षण कर रहे हैं।

      अब जिलाधिकारी नियमित रूप से हर हफ्ते अपने-अपने जिले के अधिकारियों द्वारा किये जा रहे स्कूलों के निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे। इस दौरान आने वाली कमियों पर जिलाधिकारी निर्णय लेंगे। राज्य स्तर पर की जाने वाली कार्रवाई के लिए भी जिलाधिकारी प्रस्ताव देंगे।

      इस संबंध में बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा राज्य के सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उनके निर्देश पर फिलहाल जिलों में तैनात आठ हजार अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा सरकारी स्कूलों के निरीक्षण किये जा रहे हैं। जिन आठ हजार अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा स्कूलों के निरीक्षण किये जा रहे हैं, उन्हें हर जिले के उप विकास आयुक्त द्वारा तीन माह के लिए 10 से 15 स्कूल दिये गये हैं। निरीक्षण रिपोर्ट ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किये जा रहे हैं।

      राज्य मुख्यालय के स्तर पर की जाने वाली समीक्षा में राज्य मुख्यालय के अधिकारियों के निरीक्षण रिपोर्ट से जिलों के अधिकारियों के निरीक्षण रिपोर्ट में भिन्नता पाये जाने पर उन पर कार्रवाई भी की जा रही है। निरीक्षण के दौरान पायी जाने वाली कमियों पर कार्रवाई भी हो रही है। जिन कमियों का निराकरण निरीक्षण करने वाले अधिकारियों से संभव नहीं है, उसके निराकरण की अनुशंसा राज्य मुख्यालय से की जा रही है।

      निरीक्षण के दौरान स्कूलों में उपलब्ध आधारभूत संरचना पर खास नजर रखी जा रही है। इसमें चौक-डस्टर, उपस्कर, शौचालय, पेयजल और वर्गकक्ष की उपलब्धता के साथ प्रयोगशाला, आईसीटी लैब, चहारदीवारी, बिजली व्यवस्था खास तौर पर शामिल है। खेल का मैदान, खेल की सामग्री, इंटरनेट की उपयोगिता एवं सौंदर्यीकरण पर भी गौर किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि बच्चों के पास स्कूल ड्रेस और किताबें हैं या नहीं ? बच्चों को गृहकार्य दिये जा रहे हैं या नहीं। बच्चों का साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक, छमाही एवं वार्षिक मूल्यांकन हो रहा है या नहीं यह भी देखा जा रहा है।

      कक्षावार नामांकन और वास्तविक उपस्थिति भी देखी जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि मिड डे मील में बच्चों को अंडे और फल दिये जा रहे हैं या नहीं? भोजन में मेनू का पालन हो रहा है या नहीं? प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का पदस्थापन एवं उनकी उपस्थिति के साथ इसकी मॉनिटरिंग भी हो रही है कि घण्टीवार विषयवार पढ़ाई हो रही है या नहीं? अनामांकित और बीच में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चे स्कूल लाये जा रहे हैं या नहीं?  आदि पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      विश्व को मित्रता का संदेश देता वैशाली का यह विश्व शांति स्तूप राजगीर वेणुवन की झुरमुट में मुस्कुराते भगवान बुद्ध राजगीर बिंबिसार जेल, जहां से रखी गई मगध पाटलिपुत्र की नींव राजगीर गृद्धकूट पर्वत : बौद्ध धर्म के महान ध्यान केंद्रों में एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल