अन्य
    Friday, November 22, 2024
    अन्य

      सिविल सर्जन की फरार डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई, राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल में मचा हड़कंप

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टरों की फर्जी हाजिरी बनायी जाती है। इसका खुलासा नालंदा सिविल सर्जन के निरीक्षण बाद हुआ है। हाजिरी बनाकर ड्यूटी से फरार रहने वाले डॉक्टरों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। उन्हें जबाब देने के लिए दो दिनों की मोहलत देते हुए एक दिन के वेतन की कटौती की गयी है।

      आश्चर्य ती बात है कि जब मुख्यालय में डॉक्टर रहते ही नहीं हैं तो हाजिरी बनाकर ड्यूटी से फरार कैसे हो सकते हैं। कहते हैं कि सीएम नीतीश कुमार का राजगीर दौरा था। उनके द्वारा राजगीर में नवनिर्मित राज्य खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्घाटन करना तय था। सीएम नीतीश कुमार के आगमन को लेकर अनुमंडल, जिला, प्रमंडल और सचिवालय स्तर के पदाधिकारी राजगीर में मौजूद थे। लेकिन इस अस्पताल के डॉक्टर अनुपस्थित थे।

      प्रोटोकॉल के तहत अनुमंडलीय अस्पताल के द्वारा डॉक्टरों का मेडिकल टीम गठित करना था। लेकिन डॉक्टरों के गैरहाजिर रहने पर मेडिकल टीम गठित करने में परेशानी हुई है। इधर सिविल सर्जन के द्वारा डॉक्टरों के उपस्थिति पंजी की जांच की गयी तो मामला चौकाने वाला निकला। आधे दर्जन डॉक्टरों की हाजिरी बनी थी। लेकिन वे सब ड्यूटी से गायब थे।

      सिविल सर्जन ने इसे गंभीरता से लिया। अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ गौरव का मौके पर ही क्लास लिया। उन्होंने ड्यूटी से फरार डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगने, एक दिन का वेतन काटने और स्पष्टीकरण पूछने का आदेश दिया। जबाब संतोषजनक नहीं मिलने पर अनुशंसा सहित कार्रवाई करने के लिए प्रतिवेदन देने का आदेश भी दिया गया है।

      सिविल सर्जन के आदेश पर प्रभारी उपाधीक्षक द्वारा अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राजीव चंद्रा, डॉ. अकील अजहर सिद्धीकी, डॉ. आशीष कुमार, डॉ. रंजीत कुमार, शिशु विशेषज्ञ डॉ. श्वेश चंद्र और फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. नासिर सुलेमान से स्पष्टीकरण पूछा गया है।

      प्रभारी उपाधीक्षक ने कहा है कि 29 अगस्त को सीएम का राजगीर आगमन पूर्व से निर्धारित था। इसकी सूचना अस्पताल के डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को पहले ही दी गई थी। सभी को मुख्यालय में रहने का निदेश दिया गया था, ताकि ससमय मेडिकल टीम का गठन किया जा सके।

      पूछे गये स्पष्टीकरण में कहा गया है कि उपस्थिति पंजी का अवलोकन करने से पता लगा कि आप सभी हाजिरी बना कर डयूटी से अनुपस्थित हैं। उससे सीएम के आगमन पर मेडिकल टीम गठित करने और रवाना करने में काफी कठिनाई हुई है। हाजिरी बनाकर अनुपस्थित होने की सूचना भी उपाधीक्षक को नहीं दी गई है। इससे प्रतीत होता है कि आप अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन हैं। यह मनमानेपन का प्रतीक है।

      उपाधीक्षक ने कहा है कि आप स्पष्ट करें कि किस परिस्थिति में उपस्थिति बनाकर कार्य से अनुपस्थित थे। दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण दें। तत्काल उक्त दिवस का वेतन स्थगित रहेगा। डॉ. ज्योति प्रकाश दत्त से 28 एवं 29 अगस्त को बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण पूछा गया है।

      दूसरे जिलों से आने वाले डॉक्टरों की बनायी जाती है फर्जी हाजिरीः स्पष्टीकरण की नोटिस मिलने के बाद अनुमंडलीय अस्पताल का महौल गरम हो गया है। जिन डॉक्टरों से स्पष्टीकरण पूछा गया है, उनमें से एक भी डॉक्टर मुख्यालय में नहीं रहते हैं। सभी नवादा, पटना, फतुहा, जहानाबाद एवं अन्य जगहों से आते हैं।

      इतने दूर से आने वाले डॉक्टर हाजिरी बनाकर फरार नहीं हो सकते हैं। ऐसा संभव नहीं है। इससे जाहिर होता है कि उन डॉक्टरों के बदले इस अस्पताल का ही कोई कर्मी राजगीर का अनुमंडलीय अस्पताल डॉक्टरों का फर्जी हाजिरी बनाता है। इसकी उच्च स्तरीय जांच आवश्यक बतायी जा रही है। यह सब उपाधीक्षक की सहमति से यह सब होता है।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      विश्व को मित्रता का संदेश देता वैशाली का यह विश्व शांति स्तूप राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ राजगीर वेणुवन की झुरमुट में मुस्कुराते भगवान बुद्ध राजगीर बिंबिसार जेल, जहां से रखी गई मगध पाटलिपुत्र की नींव