Wednesday, April 23, 2025
अन्य
  • पर्यावरण

Cultivation of Betel Leaf: अब नूरसराय उद्यान महाविद्यालय करेगा पान पर अनुसंधान

नालंदा दर्पण डेस्क। Cultivation of Betel Leaf: बिहार सरकार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 में 42.50 हेक्टेयर में पान के क्षेत्र का विस्तार करेगी। इसके लिए पांच करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है।

उन्होंने कहा कि पान उत्पादक किसानों को अधिक आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पान के आच्छादन क्षेत्र का विस्तार करने की आवश्यकता है। पान के प्रभेदों एवं गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता के साथ उत्पादन, भंडारण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था हो, ताकि पान उत्पादक कृषकों को अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 से दिनांकः 19 जुलाई, 2024 2025-26 के लिए पान विकास योजना के तहत कुल 42.50 हेक्टेयर में पान के क्षेत्र विस्तार करने हेतु 05 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

पान की खेती बिहार के मुख्यतः 15 जिले यथा औरंगाबाद, गया, नालन्दा, नवादा, शेखपुरा, वैशाली, सारण, मुंगेर, पूर्वी चम्पारण, खगड़िया, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा एवं समस्तीपुर में की जाती है। पान की खेती के लिए बरेजा निर्माण किया जाता है। बरेजा का निर्माण सामान्यतः 100 वर्गमीटर, 200 वर्गमीटर एवं इसके गुणक क्षेत्रफल में बनाकर कृषकों द्वारा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि पान की खेती को बढ़ावा देने तथा कृषकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से बरेजा के निर्माण तथा पान की खेती में सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है जिसके लिए प्रत्येक कृषक को क्षेत्र सत्यापन के आधार पर न्यूनतम 11,750 रूपये तथा अधिकतम 35,250 रूपये सहायतानुदान दिये जाने का प्रावधान है।

कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल के कहा कि पान की खेती करने वाले कृषकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने बताया कि पान के अनुसंधान एवं इसकी तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से नालन्दा जिले के इस्लामपुर प्रखण्ड में पान अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गयी है।

पान अनुसंधान केन्द्र में शेडनेट में पान की खेती का प्रत्यक्षण तथा ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की स्थापना भी करायी गयी है। साथ ही उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय को पान पर अनुसंधान करने का निदेश दिया। पान उत्पादक एक-एक किसानों का सर्वेक्षण कराया जायेगा। पान से संबंधित योजना में “पहले आओ, पहले पाओ” को खत्म करते हुए लॉटरी के माध्यम से लाभुकों का चयन किया जायेगा।

उन्होंने आगे बताया कि आधुनिक तौर पर पान की खेती पर विशेष ध्यान देने के लिए समुचित सिंचाई की व्यवस्था, शेडनेट, शीत भण्डारण, पान के लिए प्रसंस्करण यूनिट एवं विपणन केन्द्र के संबंध में विस्तृत अध्ययन करने का निर्देश दिया।

इस कार्यशाला में कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, विभागीय वरीय पदाधिकारी एवं पान अनुसंधान केन्द्र, इस्लामपुर के वैज्ञानिकगण तथा पान उत्पादक किसान उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

जुड़ी खबर

ये हैं भारत के 15 विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय: प्राचीन इतिहास की नई शुरुआत 10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य