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    Thursday, November 14, 2024
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      E-Shikshakosh Portal: नालंदा में रोज औसतन 5 हजार शिक्षकों का नहीं बन रहा अटेंडेंस, कटेगा वेतन

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। ई-शिक्षकोष पोर्टल (E-Shikshakosh Portal) पर शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस बनाना उनके लिए बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। स्कूल पहुंचते ही जिले के सरकारी विद्यालयों के शिक्षक सबसे पहले पॉकेट से मोबाइल निकालकर अपनी अपनी ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने में जुट जाते हैं।

      जो शिक्षक पहले ही से स्मार्टफोन के दक्ष हैं, वे तो अपनी अटेंडेंस बनाकर निश्चित हो जाते हैं, लेकिन वैसे शिक्षक और शिक्षिकाएं, जो अब तक सिर्फ कॉल करने और कॉल रिसीव करने के लिए ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे थे, उनके लिए तो बड़ी मुसीबत बन गयी है।

      सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक घंटों मोबाइल में उलझे रहते हैं। उनके पास ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने का और कोई दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण दूसरे शिक्षकों से भी अटेंडेंस बनाने में मदद ले रहे हैं। यदि अटेंडेंस बन गया तो अच्छी बात है। अन्यथा स्कूल पहुंच कर भी वह अब तक अब्सेंट ही माने जा रहे हैं।

      इसी बीच कई जिलें में ई-शिक्षकोष पोर्टल के जरिए ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनने पर वेतन कटौती या वेतन पर रोक की सूचना से शिक्षक काफी दहशत में देखे जा रहे हैं। यहां भी भविष्य के बारे में सोच कर वैसे शिक्षक चिंतित नजर आ रहे हैं, जिनका ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बन पाया है या नहीं बना पा रहे हैं।

      सूचना है कि बीते सोमवार को जहां जिले के 5846 शिक्षकों की अटेंडेंस नहीं बने थे, वही गुरुवार को भी जिले के 4785 शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने में असफल रहे हैं। हालांकि शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ सहयोग का भी प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब तक सभी प्रयास विफल साबित हो रहे हैं।

      उल्लेखनीय है कि जिले के लगभग 2372 सरकारी विद्यालयों में 13783 शिक्षक पदस्थापित है। विभाग का प्रयास है कि भविष्य में शत-प्रतिशत शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस बननी चाहिए।

      शिक्षकों के अनुसार अधिकांश विद्यालयों में नेटवर्क की समस्या के कारण ही शिक्षकों की अटेंडेंस नहीं बन पा रही है। शिक्षक काफी समय तक अटेंडेंस बनाने का प्रयास भी करते हैं। इससे विद्यालय का पठन- पाठन भी प्रभावित होता है। लेकिन विभागीय निर्देश रहने के कारण शिक्षक हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि उनकी ऑनलाइन अटेंडेंस बन जाए। वर्तमान में जिन शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बन पा रही है, उन शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अब्सेंट दिखा रहा है।

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