बेन (नालंदा दर्पण)। बेन थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक महादलित के घर में बिजली की चिंगारी से लगी आग ने पूरे परिवार को भोजन पानी से भी मोहताज कर दिया है। शुक्रवार को अपराह्न लगी आग से घर के सारे सामान कपड़े, बर्तन, अनाज जल गये तथा घर में बंधी पांच बकरियां भी झुलस गई। जिसमें तीन की मौत हो गई है।
उल्लेखनीय है कि आट पंचायत के मांड़ी गांव नवासी नरेश मांझी पिता चलन मांझी मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। पीड़ित नरेश मांझी की मां का एक दिन बाद श्राद्ध हैं। पीड़ित को न बिजली विभाग और न हीं प्रखंड के अधिकारियों की ओर से सहायता उपलब्ध कराई गई है।
बताया जाता है कि आज शुक्रवार को अपराह्न बिजली विभाग के कनीय अभियंता अपने कर्मियों के साथ छापेमारी करने गए थे। इसी दरम्यान बिजली की चिंगारी से नरेश मांझी के छप्पर में आग लग गई और धीरे -धीरे पूरे घर में फ़ैल गई। परिवारीजन तो बाहर आ गए लेकिन घर में रखे सारा सामान जल गया और घर में बंधी बकरियां झुलसकर मर गई।
ग्रामीणों ने आग पर तो काबू पा लिया, लेकिन तब तक सारा सामान जल चुका था और बकरियां मर चुकी थी। महादलित नरेश मांझी पिता चलन मांझी दाने दाने को मोहताज हो गया है, इसे सरकारी मदद की आवश्यकता है।
इसी आक्रोश में ग्रामीणों का दल बिजली विभाग के कनीय अभियंता प्रभात कुमार सोनु, जेई संदीप कुमार एवं कई मानव बल पर टूट पड़े और अपने कब्जे में ले लिया। जिसकी जानकारी बेन थानाध्यक्ष को मिलने पर घटनास्थल पहुंच ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ाया और कनीय अभियंता व अन्य कर्मियों को पुलिस वाहन में बैठा लिया।
यदि पुलिस थोड़ी भी बिलंब करती तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। वहीं घटना की जानकारी पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अन्य थाने की पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंच जायजा लेने में जुटे हैं।
क्यों हुए ग्रामीण उग्र: ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी बिजली विभाग द्वारा छापेमारी की जाती है। बिना पूछे घर में घुस जाती है। इतना तक कि जिस घर में कोई नहीं रहता है, उस घर में भी घुसकर बिजली विभाग के अधिकारी एवं एवं कर्मी उत्पात मचाते हैं।
चंचला देवी पति शंकर राम ने कही कि हमारे घर में कोई नहीं थाऔर बिजली विभाग के कर्मी प्रवेश कर गया।
उदय रविदास, रतन शाव, जनार्दन प्रसाद, ललन चौहान, महेंद्र पंडित सहित अन्य लोगों ने बताया कि बिजली विभाग की मनमानी से उपभोक्ता गण त्रस्त है।
वहीं रिंकू देवी पति साजन मोची ने कहा कि मेरा मीटर खराब हो गया है, जिसे बदलने के लिए मांगे जाते हैं मोटी रकम।
इन्द्रजीत रविदास ने कहा कि हमने जनवरी और फरवरी महीने में साढ़े बाइस हजार रुपए बिजली बिल जमा किया है। फिर भी मार्च खत्म नहीं हुआ है और बताया जा रहा है कि आपके यहां साढ़े सोलह हजार रुपए का बिजली बिल बकाया है। मतलब कि हम सभी महादलितों के साथ बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मी दोरंगी नीति अपनाते हुए दोहन करने में लगे हैं।
पीड़ितों ने इस संबंध में नीतीश सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गड़बड़ी एवं दोहन करने वाले बिजली विभाग के अधिकारियों, कर्मियों पर कारवाई की मांग की है।
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