बिहार शरीफ (आशीष कुमार)। साइबर अपराधों के रोकथाम के लिए जिले में पहला साइबर थाना की शुरुआत की गयी। शुक्रवार को एसपी अशोक मिश्रा ने इसका उद्घाटन किया।
इस थाने में एक डीएसपी, चार इंस्पेक्टर समेत कुल 15 पुलिसकर्मी की तैनाती की गयी है। ज्योति शंकर को जिले का पहला साइबर डीएसपी बनाया गया है। थाने में एक डीएसपी, चार इंस्पेक्टर, तीन दारोगा, एक प्रोग्रामर, दो सिपाही, तीन डाटा सहायक व एक चालक सिपाही होंगे।
इस मौके पर एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि बढ़ रहे साइबर अपराधों के देखते हुए इस थाना की शुरुआत की गयी है। इनका काम साइबर एफआईआर, अनुसंधान व छापेमारी करने के अलावा जागरूकता फैलाना व बचाव के उपाय बताना भी इनका होगा। कांडों की जांच इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे। पर्यवेक्षण डीएसपी या थानाध्यक्ष करेंगे।
साइबर थाना खुलने से कुछ हद तक साइबर फ्रॉड पर लगाम लग सकता है। इस मौके पर डीएसपी ज्योति शंकर , सदर डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी , नगर थानाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह के आलावा कई लोग मौजूद थे।
नालंदा के लिए बहुत जरुरी है साइबर थाना: नालंदा के लिए साइबर थाना बहुत जरुरी है। साइबर अपराधों की बात करें तो झारखंड का जामताड़ा व नालंदा का कतरीसराय पूरी दुनिया में बदनाम है।
माना जाता है कि साइबर अपराधों की शुरुआत इन्हीं दो स्थानों से हुई। अब तो जिले के लगभग सभी प्रखंडों के अलावा आसपास के जिलों में भी इसका जाल फैल गया है। पढ़े-लिखे युवा भी इस अपराध के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।
हर महीने दूसरे राज्यों की पुलिस यहां छापेमारी के लिए आती है। अब तक जिले के हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी हो चुकी है। इक्का-दुक्का मामलों का ही उद्भेदन हो पाया है। साइबर थाना खुलने से यह उम्मीद बढ़ गयी है कि अब लोगों के रुपये सुरक्षित रहेंगे।
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