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    Monday, November 11, 2024
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      बिहार शरीफ सदर अस्पताल में जुड़वा बेटियों की भी मौत, 15 दिनों तक परिजनों ने नहीं ली सुध, अस्पताल प्रबंधन ने दोनों का शव घर भिजवाया

      नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शरीफ सदर अस्पताल मां की मौत के बाद 15 दिन में उसके दोनों नवजात बच्चियों की भी मौत हो गई। 12 दिन तक पिता या परिवार का कोई सदस्य देखने तक नहीं आया। मौत के बाद भी दिल नहीं पसीजा और कोई सुध लेने नहीं आया। उसके बाद दोनों बच्चियों के शव को अस्पताल प्रबंधन ने उनके घर भेज दिया।

      Twin daughters also died in Bihar Sharif Sadar Hospital the relatives did not take care for 15 days the hospital management sent the bodies of both of them home 1बता दें कि 18 मई को देर रात से बिहारशरीफ सदर अस्पताल के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में डॉक्टरों की देखरेख में रह रहीं। दोनों बच्चियां जन्म से ही काफी कमजोर थीं। मां की मौत होने के बाद पिता ने बच्चियों से मुंह मोड़ लिया था।

      अस्पताल प्रबंधन ने परिवार से कई बार संपर्क भी किया। जन्म के बारहवें दिन पिता ने फोन उठाया और दोनों को साथ ले जाने की बात कही। उनका कहना था कि पत्नी की मौत के बाद तबीयत खराब हो गई थी। इस कारण से वे नहीं मिलने आए। बाद में आएंगे।

      बच्चियों के जन्म के बाद जब उनके पिता देखने तक नहीं पहुंचे, तब डॉक्टरों ने दोनों की देखरेख की। इन बच्चियों में से एक का वजन 900 ग्राम और दूसरी बच्ची का वजन 1 किलो 200 ग्राम था।

      जन्म के बाद मां की हो गई थी मौतः 18 मई की देर रात महानंदपुर गांव निवासी हरेंद्र पासवान की पत्नी को जब एंबुलेंस से सदर अस्पताल ले जाया जा रहा था। इसी दौरान रीना देवी ने एंबुलेंस में ही दोनों बच्चियों को जन्म दे दिया।

      उसी दिन इलाज के दौरान रीना देवी की मौत हो गई थी। परिवार रीना देवी का शव लेकर चले गए। दोनों बच्चियां जन्म से ही कमजोर थी। उन्हें आशा कार्यकर्ता ने अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती करवाया। इसके बाद से ही इन बच्चियों को अस्पताल का स्टाफ देखरेख कर रहा था।

      1 जून की सुबह 8:15 में एक बच्ची की मौत हो गयी। जो दोनों में सबसे कमजोर थी। इसके बाद 4 जून की सुबह 7:30 में दूसरी बच्ची की भी मौत हो गई। दोनों बच्चियों की मौत के बाद जब अस्पताल वालों ने परिवार की इसकी सूचना दी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया गया। पिता या घर वाले उनके शव को लेने अस्पताल तक नहीं पहुंचे।

      जन्म से कमजोर थीं बच्चियाः अस्पताल प्रबंधन के अनुसार दोनों बच्चियां जन्म से ही काफी कमजोर थी। दोनों को बचाना काफी मुश्किल था। डॉक्टरों के द्वारा पूरी कोशिश की गयी कि उन्हें बचा लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

      पहली बच्ची मरी तो कोई लेने नहीं आया। उसका शव एंबुलेंस से घर भेज दिया गया। तीन दिन बाद दूसरी की भी मौत हो गई। फिर अस्पताल ने संपर्क किया, लेकिन परिवार का कोई सदस्य नहीं आया। इस पर अस्पताल ने उसका भी शव को घर भिजवा दिया।

      12 दिन बाद बच्चियों को देखने पहुंचा था पिताः पत्नी रीना देवी की मौत के बाद जब हरेंद्र पासवान बच्चियों को देखने लगातार 12 दिन तक नहीं पहुंचे थे। इसे लेकर जब मीडिया में खबर चली तो बच्चियों के पिता और दादा उन्हें देखने लगभग 2 हफ्ते बाद अस्पताल पहुंचे थे।

      उस दौरान उन्होंने बताया था कि बीवी की मौत के बाद उनकी तबीयत खबर हो गई थी। जिस कारण वो बच्चियों से मिलने नहीं आ पा रहे थे। अब वह नियमित रूप से उन्हें देखने अस्पताल आया करेंगे। जब बच्चियां स्वस्थ हो जाएंगी तो उन्हें अपने साथ ले जाएंगे, लेकिन मौत के बाद भी सुध नहीं ली।

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