बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों के मामले में शिक्षकों का वेतन भुगतान भी तेज गति से किया जा रहा है, लेकिन जिले के 299 शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया गया है।
बता दें कि समग्र शिक्षा मद में पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 7580 शिक्षकों का नियोजन हुआ है, जिसके विरुद्ध 7309 शिक्षकों का वेतन का भुगतान शुरू कर दिया है। 271 शिक्षक विभिन्न कारणों से वेतन से वंचित है, जिनका वेतन भुगतान नहीं होने का प्रमुख कारण डबलिंग, प्राथमिकी, अनुपस्थिति, अप्रशिक्षित, चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश आदि जैसे कारण है।
सक्षमता डबलिंग मामले में 75 शिक्षक शामिल हैं। 56 शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी, 32 शिक्षक विद्यालय से अनुपस्थित पाये गए हैं। जबकि 30 शिक्षक अप्रशिक्षित पाये गए हैं। 25 शिक्षक चिकित्सा अवकाश पर हैं। जबकि 9 शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर है। जबकि 44 शिक्षकों का गंभीर कारणों से वेतन बंद है। इन्हीं वजहों से इन शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हुआ है।
इसी प्रकार गर्वनमेंट ऑफ बिहार मद से यहां 1752 शिक्षक की नियुक्ति हुई है। जिसमें से 1724 लोगों का वेतन भुगतान किया जा चुका हैं। 28 लोगों का वेतन अलग-अलग कारणों से नहीं भुगतान हो रहा है।
वजह यह है कि उनमें सात शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई हैं। 3 शिक्षक अनुपस्थित पाए गये हैं। दो शिक्षक अप्रशिक्षित है। आठ शिक्षक चिकित्सीय अवकाश पर हैं। एक शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर हैं। जबकि सात शिक्षकों का अन्य गंभीर कारणों से वेतन बंद है।
इस प्रकार नालंदा जिले में कुल 9332 शिक्षकों का नियोजन हुआ है। जिसमें 9033 शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जा रहा है। बाकी 299 शिक्षकों का वेतन बंद है। जिसमें सक्षमता डबलिंग में 75 शिक्षक शामिल है। जबकि 63 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। 35 शिक्षक विद्यालय जांच में अनुपस्थित पाये गये हैं। शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच में 32 शिक्षक अप्रशिक्षित मिले है, 33 शिक्षक चिकित्सा अवकाश पर हैं। जबकि 10 शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर है। वहीं 51 शिक्षकों का वेतन अन्य गंभीर कारणों से बंद किया गया है।
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