बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला अवस्थित हरनौत सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना में नियमित कर्मचारियों के लिए यूनियन लगातार आवाज उठाते रही है। जबकि यहां ठेकेदार के अंदर काम कर रहे लगभग पांच सौ निजी मजदूर का आवाज उठाने वाला कोई संगठन नहीं है।
यहां जो भी मजदूर अपने वेतन, छुट्टी, कार्य घंटे, सुरक्षा उपकरण आदि समस्याओं का बात अपने ठेकेदार से करता है, उसे अगले दिन काम से हटा दिया जाता है। ठेकेदार के द्वारा कर्मचारियों का लगातार आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से शोषण किया जाता है।
इन मजदूरों को 12- 12 घंटे तक प्रतिदिन काम लेने के बावजूद भी उनके साप्ताहिक छुट्टी का पैसा नहीं दिया जाता है। मजदूरों के आर्थिक मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दिया जाता है। जबकि यहां कार्य करने वाले अधिकतर मजदूर कुशल कारीगर के रूप में कार्य करते हैं।
इन मजदूरों को बैंक खाते के बजाय हाथ में नगद पेमेंट किया जाता है। ताकि इनका आर्थिक शोषण किया जा सके। मजदूरों का श्रमिक पोर्टल पर डाटा रखने का प्रावधान है। परंतु ज्यादा मजदूरों से काम तो लिया जाता है, मगर इनका रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।
इन मजदूरों का श्रमिक पोर्टल पर रिकॉर्ड रखकर बैंक खाते के माध्यम से पेमेंट किया जाए, तो इनका शोषण होने का संभावना कम हो जाएगा। कुछ ठेकेदार एक ही मजदूर का कई शौप में श्रमिक पोर्टल पर रिकॉर्ड रखें हैं।
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