नालंदा दर्पण डेस्क। नूरसराय और अस्थावां थानाध्यक्ष को न्यायायिक आदेशों के अनुपालन में लापरवाही बरतना महंगा पड़ा है। न्यायालय ने एसपी अशोक मिश्रा को दोनों का वेतन बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही 15 दिनों में कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के न्यायायिक दंडाधिकारी शत्रुंजय कुशवाहा ने न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों को पालन नहीं करने पर अस्थावां थानाध्यक्ष रंजीत कुमार और नूरसराय थानाध्यक्ष कुणाल चंद्र सिंह पर कार्रवाई की है।
पहला मामला अस्थावां थाना से जुड़ा है। 26 दिसंबर 2021 को अस्थावां निवासी राजकुमार यादव के पिता फोटो यादव की हत्या हुई थी। इसमें सूचक द्वारा गांव के ही मनोज यादव, उपेंद्र यादव, कल्लू यादव बबलू यादव व गौतम यादव के अलावा एक अन्य पर एफआईआर कराई थी।
घटना के दो साल बाद भी पुलिस ने इस मामले में न तो किसी अभियुक्तों की गिरफ्तारी की और न ही न्यायालय में अनुसंधान के बाद अंतिम प्रपत्र पेश किया।
इस संबंध में न्यायालय द्वारा संबंधित थानाध्यक्ष से प्रगति प्रतिवेदन मांगी गयी थी। लेकिन पुलिस ने प्रतिवेदन के साथ ही शोकॉज का जवाब नहीं दिया।
दूसरा मामला नूरसराय थाना क्षेत्र के जमीन से में संबंधित जालसाजी व धोखाधड़ी का है। बड़ी पहाड़ी मोहल्ला निवासी सतीश कुमार की पत्नी पिंकी सिन्हा ने धीरेंद्र प्रसाद व अन्य पर न्यायालय मुकदमा किया था।
इसमें न्यायालय ने नूरसराय थाना क्षेत्र के लखीचक निवासी धीरेंद्र प्रसाद को न्यायालय में उपस्थित कराने के लिए सम्मन, जमानतीय वारंट, अजमानतीय वारंट जारी किया गया। साथ ही जप्ती कुर्की कराने का आदेश दिया।
लेकिन नूरसराय थानाध्यक्ष ने न्यायालय के एक भी आदेशों का पालन नहीं किया। त्तपश्चात न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित थानाध्यक्ष द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही मानते हुए एसपी से वेतन बंद करने का आदेश दिया है।
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