“सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र की यह कलाकृति नई पीढ़ी को बिहार के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाने का एक प्रभावी माध्यम बन गई है…
राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राजगीर में आयोजित तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव ने इस बार लोगों का ध्यान अपनी ओर विशेष रूप से आकर्षित किया है। बिहार पर्यटन विभाग और नालंदा जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस महोत्सव में सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार द्वारा बनाई गई मगध सम्राट जरासंध की अद्वितीय रेत कलाकृति सबसे बड़ा आकर्षण केंद्र बना है
महोत्सव के मुख्य मंच के सामने स्थित इस कलाकृति को बनाने में सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने तीन दिनों की कठिन मेहनत और कला कौशल का परिचय दिया है। इस कलाकृति में उन्होंने 10 टन रेत का इस्तेमाल करते हुए 15 फुट ऊंचा सम्राट जरासंध का चित्रण किया है। कलाकृति न केवल ऐतिहासिक राजा के व्यक्तित्व को जीवंत करती है, बल्कि इसे देखकर लोग मगध साम्राज्य की गौरवशाली परंपरा और संस्कृति से भी रूबरू हो रहे हैं।
मधुरेंद्र ने केवल जरासंध के चरित्र को उकेरने तक अपनी कला को सीमित नहीं रखा, बल्कि इसमें विश्व शांति स्तूप और जल जीवन हरियाली जैसे विषयों का भी सुंदर चित्रण किया है। इस पहल का उद्देश्य नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण और बिहार की समृद्ध धरोहर के प्रति जागरूक करना है।
राजगीर महोत्सव देखने आए दर्शक इस रेत कला के साथ सेल्फी लेकर इसे अपने सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। इससे यह कलाकृति न केवल महोत्सव में बल्कि डिजिटल माध्यमों पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र के कार्यों की विशेषता यह है कि वे अपनी कलाकृतियों के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश देते हैं। चाहे पर्यावरण संरक्षण हो, महिला सशक्तिकरण हो या फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता। उन्होंने हमेशा अपनी कला को एक उद्देश्यपूर्ण मंच दिया है। उनकी इस कलाकृति की सराहना राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई प्रमुख हस्तियां भी कर चुके हैं।
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