बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पूर्व मध्य रेलवे द्वारा संचालित बिहारशरीफ-दनियावां रेलखंड पर यात्रियों की सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। रेलवे ने इस रेलखंड पर जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) थाने और टीओपी (ट्रैफिक आउटपोस्ट) स्थापित करने की योजना बनाई है। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए सबसे पहले रेलखंड के सभी प्रमुख स्टेशनों और हॉल्टों का विस्तृत सर्वे किया जाएगा। सर्वे का मुख्य उद्देश्य स्टेशनों और आसपास के गांवों की आबादी के आधार पर इस नई व्यवस्था को लागू करना है।
इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने की जिम्मेदारी बिहारशरीफ रेल थाने को सौंपी गई है। सर्वे में स्टेशनों और टीओपी के आसपास बसे गांवों की जनसंख्या को प्राथमिकता के साथ रेखांकित किया जाएगा। वर्तमान में इस रेलखंड पर बिहारशरीफ, फतुहां और इस्लामपुर जीआरपी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती हैं। यदि इस रेलखंड पर जीआरपी थाने और टीओपी का निर्माण होता है तो यह सुरक्षा के लिहाज से एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।
बिहारशरीफ जंक्शन से दनियावां तक की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। इस रेलखंड के बीच में किसी भी स्टेशन पर अभी तक जीआरपी थाना या टीओपी मौजूद नहीं है। वर्तमान में इस मार्ग पर दो सवारी गाड़ियों का परिचालन हो रहा है। गाड़ी संख्या 63329 (राजगीर-फतुहां) और वापसी में गाड़ी संख्या 63330 (फतुहां-राजगीर) यात्रियों के लिए संचालित की जा रही हैं। ये ट्रेनें रोजाना सैकड़ों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सर्वे का काम शुरू हो चुका है। इस रेलखंड में एक जंक्शन (दनियावां) और सात हॉल्ट शामिल हैं, जिनका नक्शा तैयार किया जाएगा। साथ ही आसपास की आबादी का भी विस्तृत विवरण सर्वे रिपोर्ट में शामिल होगा। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा और इसकी सत्यापित रिपोर्ट रेलवे को सौंपी जाएगी। निकट भविष्य में इस योजना को लागू करने की पूरी संभावना है।
राजगीर से फतुहां के लिए गाड़ी संख्या 63329 प्रत्येक दिन सुबह 7:00 बजे राजगीर से चलती है। यह ट्रेन विभिन्न स्टेशनों और हॉल्टों पर रुकते हुए सुबह 7:45 बजे बिहारशरीफ पहुंचती है। दनियावां में इसका ठहराव सुबह 9:29 बजे और फतुहां में सुबह 9:49 बजे होता है। वहीं वापसी में गाड़ी संख्या 63330 फतुहां से शाम 5:20 बजे चलती है और बिहारशरीफ शाम 7:10 बजे पहुंचती है। खास तौर पर शाम के समय वापसी के दौरान सुरक्षा को लेकर खतरा बना रहता है, जिसे इस नई व्यवस्था से दूर करने की कोशिश की जा रही है।
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि जीआरपी थाने और टीओपी की स्थापना से न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि रेलखंड पर होने वाली छोटी-मोटी घटनाओं पर भी तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। खासकर ग्रामीण इलाकों में बसे इन स्टेशनों और हॉल्टों पर शाम के समय यात्रियों को सुरक्षित महसूस करने में मदद मिलेगी। स्थानीय लोगों ने भी इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे क्षेत्र में रेल यात्रा और सुरक्षित हो सकेगी।
सर्वे के दायरे में दनियावां जंक्शन, सुल्तानपुर ग्राम हॉल्ट, लक्ष्छु विगहा हॉल्ट, रूखाई हॉल्ट,चंडी हॉल्ट, बढौना हॉल्ट, नूरसराय हॉल्ट, देकपुरा हॉल्ट आएंगे। सर्वे की रिपोर्ट के बाद रेलवे इस योजना को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम उठाएगा। आने वाले दिनों में इस रेलखंड पर सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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