राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में का पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस भीषण गर्मी के कारण सभी पर्यटक स्थलों पर सन्नाटा पसर गया है। पर्यटकों के आवागमन में काफी कमी आ गई है। इससे पर्यटन आधारित व्यवसाय भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
यहां सुबह दस बजे के बाद से ही सड़कों पर सन्नाटा पसरना शुरू हो जाता है। जितनी गर्मी इस साल अप्रैल माह में पड़ रही है, पहले कभी नहीं पड़ी। जिससे गर्मी जनित बीमारियां फैलने लगी हैं।
अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पानी, कोल्ड ड्रिक, ककड़ी, खीरा, तरबूज, खरबूज, नींबू, संतरा आदि फलों की मांग भी बढ़ गई है। दोपहिया वाहन पर सफर करने वाले लोग मुंह पर रूमाल लगाकर सफर कर रहे हैं।
मौसम में आए बदलाव के कारण जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। दोपहर के समय तो घरों से निकलना तक मुश्किल हो रहा है। शरीर ढंककर बाहर निकलते हैं। दुकानों पर ग्राहकों का अभाव देख व्यापारी भी शटर गिराकर आराम फरमाते देखे जा रहे हैं। मटका, सुराही आदि की बिक्री तेज हो गई है।
पर्यटकों से गुलजार रहने वाला पर्यटक स्थल रोपवे, घोड़ा कटोरा, जरासंघ अखाड़ा, सोन भंडार, मनियार मठ, कुंड, नौलखा मंदिर, वेणुवन, पांडू पार्क, जयप्रकाश उद्यान, साइक्लोपीयन वॉल, शांति स्तूप, जापानी मंदिर, थाई मंदिर सहित अन्य पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों के आवागमन में काफी कमी आई है। पर्यटक नहीं के बराबर पहुंच रहे है।
कुंड स्नान के लिए भी काफी कम लोग आ रहे हैं। पर्यटक की कमी से होटल व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पांडू पार्क में प्रतिदिन दो से तीन हजार की संख्या में पर्यटक पहुंचते थे। भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या में 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। इस वजह से प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है।
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