नालंदा दर्पण डेस्क। बीती देर रात नालंदा जिले के थरथरी क्षेत्र में बिहार डीजीपी की त्वरित संज्ञान से एक और छबिलापुर नरसंहार कांड होते-होते बची।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार थरथरी थाना के छोटी छरियारी गाँव में जमीन विवाद को लेकर अचानक अंधाधुन फायरिंग होने लगी। जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना पर स्थानीय थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इसी बीच किसी जागरुक ग्रामीण ने मामले की सूचना एसपी को दी। लेकिन मोबाइल किसी अन्य ने उठाया और उनके स्तर पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
इसके बाद उक्त ग्रामीण ने मामले की सूचना बिहार पुलिस डीजीपी को दे दी। पहले तो डीजीपी ने सूचक को मामला गलत होने की सूचना पर जेल भेजने की चेतावनी दी।
उसके बाद नालंदा एसपी को रेस किया। एसपी ने हिलसा डीएसपी और थरथरी पुलिस को। फिर पुलिस पहुंची और वारदात स्थल पहुंची।
पुलिस की सक्रियता के बाद गोलीबारी करने वाले भाग खड़े हुए। अन्यथा जिस तरह से गोलीबारी हो रही थी, उससे एक और छबिलापुर नरसंहार कांड हो सकती थी।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जमीन विवाद को लेकर एक पक्ष ने जहानाबाद जिला से आधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों (गोहार) बुलिया था। ताकि दहशत फैला कर जमीन कब्जा करवाया जा सके।
इधर, खबर है कि इस मामले को लेकर छोटी छरियारी गाँव निवासी मनोज कुमार पिता गिरिजानंदन शर्मा ने जहानाबाद जिला के हुलासगंज थानान्तर्गत लोधीपुर गांव निवासी मृत्यजंय कुमार, निरंजन कुमार, रामप्रकाश शर्मा समेत 5 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
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