हिलसा (नालंदा दर्पण)। पिछले एक सप्ताह से अधिवक्ता संघ द्वारा उत्पाद अधिनियम के कोर्ट का गठन करने की एक सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से हिलसा व्यवहार न्यायालय की व्यवस्था चरमरा सी गई है। इससे आम लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि हिलसा व्यवहार न्यायालय परिसर में जबतक उत्पाद अधिनियम कोर्ट का गठन नहीं होगा, तबतक अनिश्चितकालीन धरना से अधिवक्ता संघ के कोई भी सदस्य नहीं हटेंगे।
इस संदर्भ में एक ज्ञापन प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हिलसा के माध्यम से जिला व सत्र न्यायाधीश नालंदा को दिया गया, ताकि मांगों को उच्च न्यायालय पटना के मुख्य न्यायाधीश एवं निरीक्षी न्यायाधीश के समक्ष भेजा जा सके। यदि आज के ज्ञापन के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो न्यायालय में तालाबंदी, भूख हड़ताल, आमरण अनशन जैसे कठोर कदम उठाने को विवश हो जाएंगे।
इस मौके पर बिहार बार काउंसिल के सदस्य सूर्य देव यादव ने कहा कि वे हिलसा के अधिवक्ताओं की मांगों को बिहार बार काउंसिल एवं पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखेंगे।
फिलहाल धरना-प्रदर्शन करने वालों में संघ के सदस्य भरत प्रसाद, नगीना प्रसाद, नागेंद्र कुमार, ललन प्रसाद, विभा कुमारी, इंदू कुमारी, सीमा कुमारी, एजाज अहमद, डा. समरेंद्र नाथ विश्वास, आर्यन आर्क, सच्चिदानंद सिन्हा, संदीप कुमार, अनिमेष सौरभ, दिलीप कुमार सिन्हा, कलीन्द्र कुमार, शिव चन्द्र पाण्डेय, मिथलेश कुमार, अनिलदेव कुमार, शशि कांत पाण्डेय, सूर्य कांत रमण, पंकज कुमार, सुधांशु कुमार, सौरभ पाण्डेय, लक्ष्मी कुमारी, कंचन कुमारी, रेणु कुमारी, चंचला कुमारी, देवकांती कुमारी, रानी प्रियंका कुमारी, अजय कुमार, संजय कुमार आदि अधिवक्तागण उपस्थित थे। मौके पर अधिवक्ता लिपिक संघ के अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा, सचिव प्रवीण कुमार उर्फ भोली समेत समस्त अधिवक्ता लिपिकगण शामिल हैं।
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