राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक राजगीर का केविन रोपवे, जो देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है, उसका परिचालन 9 अप्रैल से अगले एक सप्ताह तक बंद रहेगा। यह जानकारी रोपवे प्रबंधन ने साझा की है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और रोपवे की तकनीकी प्रणाली को सुचारू रूप से संचालित रखना है।
रोपवे प्रबंधक के अनुसार केविन रोपवे एक अत्यंत संवेदनशील और जटिल तकनीकी ढांचे पर आधारित परिवहन प्रणाली है। इसके नियमित जाँच और रखरखाव की आवश्यकता होती है। ताकि किसी भी संभावित खराबी को समय रहते ठीक किया जा सके। प्रबंधन ने बताया कि इस अस्थायी बंदी के दौरान रोपवे के उपकरणों की मरम्मत, तकनीकी खामियों का निराकरण और सिस्टम का संपूर्ण परीक्षण किया जाएगा। यह प्रक्रिया रोपवे के सुरक्षित और विश्वसनीय संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है।
रोपवे की यह अस्थायी बंदी पर्यटकों के लिए कुछ असुविधा का कारण बन सकती है, क्योंकि यह राजगीर के प्रसिद्ध शांति स्तूप और अन्य पहाड़ी स्थलों तक पहुँचने का प्रमुख साधन है। प्रबंधन ने पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे इस दौरान वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें या अपनी यात्रा की योजना को पुनः निर्धारित करें। पैदल मार्ग या अन्य परिवहन विकल्पों का उपयोग कर पर्यटक अपनी यात्रा को सुगम बना सकते हैं।
बता दें कि राजगीर, जो ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम है। बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। यहाँ का केविन रोपवे न केवल पर्यटकों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि शांति स्तूप तक पहुँचने का एक रोमांचक और दृश्यों से भरपूर अनुभव भी प्रदान करता है। हर साल लाखों पर्यटक इस रोपवे का उपयोग करते हैं, जो इसे राजगीर के प्रमुख आकर्षणों में से एक बनाता है।
रोपवे प्रबंधन ने पर्यटकों से इस अस्थायी बंदी के दौरान धैर्य और सहयोग की अपील की है। प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि रखरखाव कार्य जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। ताकि रोपवे सेवा पुनः शुरू हो सके। पर्यटकों से अनुरोध है कि वे इस दौरान अपनी यात्रा की योजना में बदलाव करें और राजगीर के अन्य आकर्षणों, जैसे गर्म जल कुंड, विश्व शांति स्तूप और बिम्बिसार जेल का आनंद लें।
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