अन्य
    Friday, March 28, 2025
    अन्य

      पीएम मोदी के स्वागत के लिए सजधज कर तैयार विश्व धरोहर नालंदा

      नालंदा दर्पण डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भी अलर्ट मोड में है। प्रधानमंत्री कल 19 जून ज्ञानपीठ नालंदा आएंगे। उनके द्वारा नालंदा के विश्व धरोहर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का भ्रमण किया जायेगा।

      प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास और उसके अद्वितीय शैक्षणिक परंपरा के बारे में करीब से देखे और सुनेंगे। विश्व धरोहर का दर्जा मिलने के बाद इसका कितना विकास हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा उसका भी जायजा लिया जायेगा।

      प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का कुल भूभाग कितना किलोमीटर था। कितने किलोमीटर का उत्खनन हुआ है। इसके मुख्य प्रवेश द्वार का अबतक पता लगा है या नहीं आदि का फीडबैक प्रधानमंत्री लेने वाले हैं।

      प्रधानमंत्री के विश्व धरोहर भ्रमण के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत भी मौजूद रहेंगे। लेकिन पर्यटक गाइड का काम एएसआई पटना सर्किल की अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ गौतमी भट्टाचार्य करेंगी।

      प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर एएसआई काफी संजीदा है। सीए अमृत झा के अनुसार एएसआई द्वारा धरोहर के चप्पे चप्पे की विशेष सफाई की गयी है। धरोहर के दीवारों पर उगे घास फूस की करीने से सफाई की गयी हैं।

      धरोहर के साइट संख्या तीन के समीप के लकड़ी के पुराने बैरिकेडिंग को हटाकर लोहे का नया बैरिकेडिंग लगाया गया है। उक्त स्थल पर मरम्मत के काम भी हो रहे हैं। धरोहर में बनी गच की प्रतिमाओं के हालात का भी प्रधानमंत्री अवलोकन करने वाले हैं। गच की प्रतिमाएं कितनी सुरक्षित हैं। उसके रखरखाव आदि से भी पीएम रुबरु होंगे।

      खबरों की मानें तो प्रधानमंत्री के दौरे से एएसआई की लापरवाही खुलकर सामने आ सकती है। आजादी के 76 साल बाद भी ज्ञानपीठ नालंदा वहीं का वहीं है। सैलानियों के लिए न तो कैफेटेरिया और न होटल नालंदा में अब तक बना है।

      पीएम के आगमन को लेकर विश्व धरोहर के वर्तमान मुख्य प्रवेश द्वार की रंगा पुताई का काम आखिरी चरण में है। बोर्ड की डेटिंग पेंटिंग की जा रही है। विश्व धरोहर के दाएं और बाएं सड़क के दोनों तरफ बांस बल्ले से बैरिकेटिंग की गई है, ताकि प्रधानमंत्री के कारकेड को आने-जाने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो सके।

      विश्व धरोहर परिसर में महाविहार और चैत्यों के बने नक्शा स्थल पर छाया के लिए बड़े छाता लगाने की व्यवस्था एएसआई द्वारा की गई है। प्रधानमंत्री नालंदा के धरोहर में करीब आधा घंटा में इसके इतिहास और भूगोल की जानकारी लेंगे।

      धरोहर के खूबियां और खामियों को नजदीक से देखने के बाद प्रधानमंत्री राजगीर में पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए कूच करेंगे।

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल से प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को विश्व धरोहर का दर्जा तो मिल गया है। लेकिन यूनेस्को के सात शर्तों का अनुपालन जिम्मेदार पदाधिकारी के द्वारा नहीं किया गया है।

      इतना ही नहीं विश्व धरोहर के मानकों के अनुरूप बफरजोन, पार्किंग जोन, वेंडिंग जोन आदि का निर्माण अबतक नहीं हुआ है। फलस्वरुप इसके विश्व धरोहर के दर्जा पर खतरे के संकट बने हैं। धरोहर के मुख्य द्वार के दाएं और बाएं दुकान लगाकर बेरोजगार रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर हैं।

      धरोहर के आसपास वाहन पार्किंग वर्जित है। बावजूद धरोहर के समीप ही पार्किंग की जाती है। वाहनों से कार्बन उत्सर्जन से धरोहर को हानि हो रही है।

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की खबर से नालंदा के लोग काफी उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आएंगे तो नालंदा को कुछ सौगात जरूर देंगे। उनके आगमन के बाद बफरजोन का निर्माण होने की उम्मीद है।

      सैलानियों के लिए होटल व रेस्टोरेंट और कैफेटेरिया निर्माण की दशा दिशा भी तय हो सकती है। प्रधानमंत्री के आगमन के लेकर जिला प्रशासन द्वारा नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय के नये भूखंड पर हेलीपैड का निर्माण कराया गया है।

      वहीं रासबिहारी प्लस टू स्कूल में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए हेलीपैड बनाया गया है। प्रधानमंत्री करीब आधे घंटे तक विश्व धरोहर का भ्रमण कर इसके इतिहास की जानकारी लेंगे।

      दिल्ली से आये एसपीजी के एआईजी विमल पंवार, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, डीडीसी वैभव श्रीवास्तव एवं अन्य बड़ी संख्या पदाधिकारियों द्वारा नालंदा में बन रहे हेलीपैड का निरीक्षण किया गया है और आवश्यक निर्देश दिया गया है।

      फिलहाल पीएम के लिए बनाये गये हेलीपैड को वायु सेना के जवानों द्वारा सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। हेलीपैड से विश्व धरोहर तक और विश्व धरोहर से राजगीर के नालंदा विश्वविद्यालय तक सड़क के दोनों और बांस बल्ले की बेरिकेडिंग की जा रही है।

      जानें अल्ट्रासाउंड क्या है? यह जांच किस लिए किया जाता है? इसके फायदे और नुकसान क्या है?

      चंडी में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर की भरमार, सील तोड़कर हो रहा है 6 का संचालन

      पीएम मोदी के नालंदा आगमन पर हो रही सुरक्षा की अभेद्य व्यवस्था

      नालंदा में जानलेवा हैं ये 17 फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर, इनसे बचें

      फेसबुक से वीडियो डाउनलोड करने के सही तरीके, जरुर बरतें ये सावधानी

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      जुड़ी खबर

      error: Content is protected !!
      ये हैं भारत के 15 विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय: प्राचीन इतिहास की नई शुरुआत 10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य